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शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई पड़ी मंहगी, लगा बलात्कार की कोशिश करने का आरोप

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शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई पड़ी मंहगी, लगा बलात्कार की कोशिश करने का आरोप

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराबबंदी के बाद शराब माफियाओं की बल्ले-बल्ले है। कम समय में धन-कुबेर बनने का सबसे बढ़िया जरिया शराब का काला कारोबार है। विगत तीन महीने के भीतर बिहार के सहरसा में सबसे ज्यादा शराब की बरामदगी और गिरफ्तारी हुई है। खास कर कोसी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के भीतर का इलाका शराब का जंक्शन और बड़ा हब है। आलम यह है कि पुलिस भी उस इलाके में जाने से कतराती है। हमने आपको सबसे अहम जानकारी यह दी है कि सहरसा शराब बरामदगी के मामले में बिहार में पहले स्थान पर है। तीन महीने के भीतर इस जिले में करीब 50 हजार लीटर सिर्फ अंग्रेजी शराब की बरामदगी हुई है जबकि तीस से ज्यादा कारोबारी जेल भेजे गए हैं। शराब कारोबारी पुलिस पर हमलावर हो रहे हैं। ताजा मामला सहरसा के महिषी थाना के पासी टोले का है।

दीपावली की रात महिषी थानेदार हरेश्वर सिंह महिला और पुलिस जवान के साथ पासी टोले में हमला बोला और सीता देवी पति-सहदेव पासी और किरण देवी पति-सनोज पासी के घर की तलाशी शुरू कर दी। थानेदार को सूचना मिली थी कि इनदोनों घर में शराब का जखीरा है। लेकिन पुलिस से ज्यादा शराब कारोबारियों का तंत्र मजबूत निकला और पुलिस आने से पहले ही शराब घर से हटा ली गयी। महिला जवान की मौजूदगी में छापामारी चल रही थी। इसी दौरान अफरातफरी में सीता देवी मकान की सीढ़ी पर गिर गयी जिससे उसका सर फट गया। आनन-फानन में पुलिस वालों ने ही उसे ईलाज के लिए महिषी पीएचसी भिजवाया। लेकिन इनदोनों महिलाओं ने दिवाली के दूसरे दिन कोसी रेंज के डीआईजी सुरेश प्रसाद चौधरी और सहरसा के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार को आवेदन देकर थानेदार द्वारा शराब की तलाशी के बहाने दुष्कर्म करने की कोशिश का आवेदन दिया।

आवेदन में इन्होंने लिखा है कि थानेदार हरेश्वर सिंह दीपावली की रात कुछ पुलिस जवान के साथ उनके घर पर आए। उस समय उनके घर के पुरुष दीपावली में अपने बड़ों को प्रणाम करने के लिए अन्य लोगों के घर गए थे। घर पर दो महिलाएं थीं। हरेश्वर सिंह ने मौका माकूल देखकर सीता देवी पर भूखे भेड़िये की टूट पड़े। इसी बीच किरण देवी बीच में आ गयी और सीता की अस्मत को बचाने की कोशिश करने लगी। हरेश्वर सिंह जब यौन संबंध बनाने में कामयाब नहीं हुए तो साथ आये पुलिस जवान ने इनदोनों महिलाओं को राईफल की बात से मारना शुरू किया जिसमें सीता देवी का सर फट गया। स्थिति गंभीर देख किरण देवी घर से बाहर निकलकर हल्ला करने लगी।शोर सुनकर आसपास काफी लोग जमा हो गए। लोगों की भीड़ देखकर पुलिस वाले वहां से भाग निकले और तब जाकर सीता की अस्मत बच सकी। वाकई आरोप गम्भीर और पुलिस की वर्दी को दागदार बनाने वाला है। हमने इस बाबत कोसी रेंज के डीआईजी सुरेश प्रसाद चौधरी से बात की।

उनका कहना है कि इस घटना की सूचना महिषी थानेदार ने घटना की रात ही सभी वरीय पुलिस अधिकारियों को दे दी थी। पीड़ित परिवार के लोग पहले से शराब कारोबार करते आ रहे हैं। इससे पहले भी इस परिवार के लोगों ने पुलिस पर झूठे मुकदमे करने की कोशिश की है।इन परिवारों के खिलाफ ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पूर्व में ही पत्र लिखा था जिसकी जांच का आदेश भी आया हुआ है ।वैसे इस मामले में सहरसा एसपी राकेश कुमार ने जांच का जिम्मा तेजतर्रार सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी को सौंपा है। हमने इस घटना को लेकर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी से बात की। उन्होंने कहा कि वे आज शाम में जांच करने के लिए घटनास्थल पर जाएंगे। हमने आरोपी बनाए गए थानेदार हरेश्वर सिंह से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस इलाके में शराब की कई बड़ी खेप पकड़ी है। आरोप लगाने वाली महिला शराब कारोबारी है।

पुलिस के सभी वरीय अधिकारी शराब कारोबारियों के खिलाफ उनके द्वारा चलाये जा रहे अभियान को लेकर लगातार उन्हें शाबासी देते हैं। जिस समय यह घटना घटी, उस समय उनके साथ महिला जवान भी साथ में थीं। उनपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं, जो जांच के बाद पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएंगे। हमने इलाके के लोगों से भी बात की। सैंकड़ों की संख्यां में लामबंद लोगों ने बताया कि आरोप लगाने वाली महिला दागी है और जो पासी टोला है, वहां शराब का जमकर कारोबार होता है। पासी टोले की वजह से गाँव के बच्चे और युवा भी खराब हो रहे हैं। इनकी मानें तो, पूरे पासी टोले पर कारवाई की आवश्यकता है।

एक तो शराब कारोबार में सहरसा राज्य में पहले नम्बर पर है और दूसरा अब शराब कारोबारियों का यह हथकंडा बेहद शातिराना है। देश में अभी मी टू की हवा चली हुई है। ऐसे में अगर पुलिस वालों पर ऐसे संगीन और गम्भीर आरोप लगे, तो ये छापामारी से भी कतराने लगेंगे। वैसे हम अभी इस मामले में किसी तरह के नतीजे पर नहीं पहुंच रहे हैं। हमें भी एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। दीगर बात है कि अभीतक हमने इस मामले के मंथन में इतना जरूर समझा है कि शराब कारोबारी अपने धंधे को बचाये रखने और चमकाने की गरज से किसी हद तक गिर सकते हैं, इसमें कोई शक-शुब्बा नहीं है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह 

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