विस का शीतकालीन सत्र, 1117 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1117 करोड़ रुपए से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट सभा पटल पर रखा गया। सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उराँव ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है और राजनीति को भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना विश्वव्यापी लोकतंत्र की अद्भुत विशेषता है , जो समाज परिवर्तन को स्वीकार नहीं करता उसमें जड़ता आ जाती है । उन्होंने पांच राज्यों में आये जनता के फैसले का स्वागत करते हुए कामना कि ये सरकारें जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरेंगी। इसी के साथ कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में नमन विक्सल कोंगाड़ी के निर्वाचित होने पर भी विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि वे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल होंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष 22 नवंबर को विधान सभा स्थापना दिवस पर मेनका सरदार को राज्यपाल के हाथों बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक सम्मान से सम्मानित किया गया, उन्हें सदन की ओर से एक बार फिर से बधाई देते हुए कहा कि संसदीय आचरण के अन्य मानदंडों को अपनाकर सभी सदस्यों को भी यह सम्मान प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र का यह तकाजा है कि सदन में उपलब्ध समय का भरपूर और सार्थक उपयोग हो। उन्होंने कहा कि विचार विनिमय के माध्यम से किसी सवाल के समाधान तक पहुंचना इस व्यवस्था की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषताएं है। उन्होंने कहा कि इस बात के सभी साक्षी है कि हमारे पिछले कुछ सत्र अव्यवस्था की भेंट चढ़ गये, प्रश्नकाल से आरंभ होकर सभा के प्रत्येक दिन की कार्यवाही बाधित हुई। उन्होंने कहा कि जनता ने हम पर यह विश्वास जाता है कि हम उनकी बातों को और उनकी समस्याओं को सरकार के सामने रखकर उनके समाधान के रास्ते ढूंढेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज जो लोग सरकार में है उन्हें यह सोच विकसित करनी होगी कि जनता ने उन्हें शासन का जनादेश दिया है तथा सरकार में बैठे लोगों को भी इससे यह सोच कर आगे बढ़ना है कि जो आज प्रतिपक्ष में बैठे हुए हैं उन्हें भी जनता ने अपना विश्वास सौंप कर भेजा है । इसीलिए लोकतंत्र का यह मूल मंत्र सरकार के लिए गौर करने के लायक है कि प्रतिपक्ष भी सरकार का ही अंग होता है।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने शीतकालीन सत्र के लिए पीठासीन पदाधिकारियों और कार्यमंत्रणा समिति के सदस्यों का मनोनयन किया। शीतकालीन सत्र के लिए झामुमो के स्टीफन मरांडी, भाजपा के अशोक कुमार, फूलचंद मंडल, कांग्रेस के आलमगीर और गीता कोड़ा को पीठासीन पदाधिकारी मनोनीत किया। जबकि कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य के रूप में मुख्यमंत्री रघुवर दास, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मंत्री सी.पी. सिंह, सरयू राय, सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक राधा कृष्ण किशोर, विपक्ष के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन, झामुमो के स्टीफन मरांडी, रवींद्र नाथ महतो, कांग्रेस के सुखदेव भगत, भाजपा के सत्येंद्रनाथ तिवारी, विरंची नारायण, अनंत ओझा, मासस के अरूप चटर्जी, जय भारत समानता पार्टी की गीता कोड़ा, बसपा के शिवपूजन मेहता, माले के राजकुमार यादव और भाजपा के अनंत ओझा को मनोनीत किया गया। संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1117 करोड़ रुपये से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट सभा पटल पर रखा गया। इस बीच झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने पारा शिक्षकों के मुद्दों को उठाया और सरकार से पारा शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई की मांग की। विधानसभा के सचिव की ओर से पिछले सत्र से लेकर अब तक की अवधि में राज्यपाल द्वारा अनुमति प्राप्त 16 विधेयकों की प्रति सभा पटल पर रखा। अनुपूरक बजट पेश करने के बाद माले विधायक राजकुमार यादव भी कुछ बातों को लेकर वेल में आ गये, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के कड़े रूख के बाद वे अपनी सीट पर जाकर बैठ गये, जिसके बाद सभा में शोक प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। सत्र के पहले दिन पिछले सत्र से लेकर इस सत्र की अवधि के बीच रूखसत हो जाने वाले कई महत्वपूर्ण राजनेता ,साहित्यकार ,स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी , लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी , पूर्व राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि , पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, मदन लाल खुराना, नारायण दत्त तिवारी और तथा वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर समेत अन्य दिवंगत आत्माओं के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री रघुवर दास और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन समेत अन्यदलों के नेताओं ने अपने और अपनी पार्टी की ओर से दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने के बाद कुछ पल के लिए मौन रखने के बाद सदन की कार्यवाही 26 दिसंबर पूर्वाहन 11ः00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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