आज भी मुश्किल है अमित शाह के साथ उपेंद्र कुशवाहा की मुलाक़ात, जानिए क्यों?
सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा चीफ उपेन्द्र कुशवाहा आज 16 नवंबर को फिर दिल्ली में हैं. वो इसबार ट्विट के जरिये सबको बताकर दिल्ली निकले हैं कि वो अमित शाह से मिलने जा रहे हैं. रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया-‘ अभी मैं पटना से दिल्ली जा रहा हूँ. शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर सीट शेयरिंग पर बातचीत करने का प्रयास करूंगा.जाहिर है उन्हें बीजेपी ने अभीतक सीट शेयरिंग के लिए बुलाया नहीं है. दो दिन पहले भी वो दिल्ली अमित शाह से मिलने गए थे. लेकिन अमित शाह नहीं मिले तो वो मिल आये थे शरद यादव से. लेकिन इसबार भी अमित शाह के साथ कुशवाहा की बैठक हो पाने की संभावना बहुत कम है.
दरअसल, इन दिनों अमित शाह चुनावी अभियान में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अमित शाह उपेन्द्र कुशवाहा से मुलाकात करेंगे? अमित शाह आज खजुराहो, टीकमगढ़, सागर और दमोह में सभा को सम्बोधित कर आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे. 17 तारीख को उनका आधिकारिक रूप से कोई कार्यक्रम नहीं है. अब कुशवाहा आज शाम को ही शाह से मिलने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन ये तभी संभव हो पायेगा जब खुद अमित शाह कुशवाहा से मिलकर सबकुछ जल्दी से निबटाने को तैयार होगें. उपेन्द्र कुशवाहा 17 नवम्बर तक अमित शाह का इंतज़ार नहीं कर सकते क्योंकि 17 को पटना में उनकी बैठक है.
सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में जारी घमासान के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने गुरुवार को बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव से नई दिल्ली में मुलाकात की. मुलाकात के बाद एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान के बेटे सांसद चिराग पासवान ने कहा कि नवंबर आ गया है. सभी चुनाव की तैयारियों में लगना चाहते हैं. हमलोग भी चाहते हैं कि बीजेपी हमारी सीटें जल्द क्लीयर करें. सीट बंटवारे को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है.
एलजेपी संसदीय दल के नेता चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा से आग्रह किया है कि अगर उन्हें कोई भी दिक्कत है तो गठबंधन के भीतर सुलझाएं. हर चीज को पब्लिक डोमेन में लाने की जरूरत नहीं है. चिराग ने कहा कि कुशवाहा एनडीए में ही रहें, लेकिन उनका सीएम पर लगातार बयानबाजी और आरोप लगाना उचित नहीं. गठबंधन में सभी बातों को सहज तरीके से सुलझाया जा सकता है.
आज अगर अमित शाह अपने तमाम व्यस्त कार्यक्रम के वावजूद अगर उपेन्द्र कुशवाहा के लिए समय निकालते हैं, इसका मतलब बीजेपी उन्हें अभी भी गंभीरता से ले रही है.अगर वो उपेन्द्र कुशवाहा को इसबार भी समय नहीं देते हैं तो साफ़ हो जाएगा कि अब बीजेपी को उपेन्द्र कुशवाहा की दरकार नहीं है. फिर 17 नवम्बर को पार्टी नेताओं की बैठक में उपेन्द्र कुशवाहा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
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