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तेजस्वी-जगदानंद से बार-बार क्यों नाराज हो जाते हैं रघुवंश प्रसाद सिंह?

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सिटी पोस्ट लाइवः तीन दिन पहले आरजेडी में कोहराम मच गया। एक तो आरजेडी के 5 विधानपार्षदों ने जेडीयू का दामन थाम लिया। तेजस्वी अभी इस झटके से उबर भी नहीं पाये थे कि रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे की वजह यह बतायी गयी कि पार्टी में रामा सिंह की एंट्री से वे नाराज हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह और रामा सिंह दोनों एक दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं और 29 जून को रामा सिंह की एंट्री आरजेडी में होने वाली थी। रघुवंश प्रसाद के इस्तीफे के बाद आरजेडी पूरी तरह बैकफुट पर आयी और रामा सिंह की एंट्री टल गयी।

सवाल है कि क्या रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी की वजह सिर्फ रामा सिंह की आरजेडी में एंट्री थी या कोई दूसरी वजह भी थी क्योंकि यह पहला मौका नहीं था जब वे नाराज हुए हैं इससे पहले भी रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी सामने आती रही है। रघुवंश प्रसाद के करीबी सूत्रों ने उन वजहों का खुलासा कर दिया है जिसकी वजह से रघुवंश प्रसाद सिंह बेहद नाराज है और आर-पार की लड़ाई के मूड में है। दरअसल पार्टी में लालू के बाद सबसे कद्दावर चेहरा रघुवंश प्रसाद सिंह मौजूदा वक्त में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं। तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह का पार्टी के बड़े नेताओं और सहयोगियों को लेकर जो रवैया है रघुवंश प्रसाद को यह सब नागवार गुजर रहा है।

जीतन राम मांझी जैसे सहयोगी को तेजस्वी और जगदानंद सिंह खुलकर यह मैसेज दे रहे हैं कि उन्हें कहीं जाना है तो जा सकते हैं। सहयोगियों के लिए तेजस्वी और जगदानंद सिंह का यह तेवर रघुवंश प्रसाद सिंह को यह पसंद नहीं है। रघुवंश प्रसाद सिंह यह राय रखते हैं कि आरजेडी बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी है। तेजस्वी यादव को अगर सीएम बनना है तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता और सहयोगियों को भी इससे आपत्ति नहीं होगी क्योंकि महागठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में हुआ तो सबसे ज्यादा सीटें आरजेडी के पास हीं होगी। विधानसभा का चुनाव भी आरजेडी सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ेगी ऐसे में बार-बार पार्टी के नेताओं और प्रवक्ताओं से यह कहलवाना की तेजस्वी हीं महागठबंधन के नेता हैं और वही सीएम बनेंगे रघुवंश प्रसाद सिंह का रास नहीं आ रहा। रघुवंश प्रसाद सिंह यह मानते हैं कि तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह का रवैया पार्टी और महागठबंधन के हित में नहीं है।

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