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लालू यादव से मुलाकात करने आखिर क्यों सबसे छुपके मिलने पहुंचे झारखण्ड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता

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सिटी पोस्ट लाइव: चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव से लगातार मुलाकात का दौर जारी है. बिहार से आए नेताओं का जमावड़ा रिम्स में लग रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर के राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से लगातार पार्टी के नेताओं का मुलाकात भी जारी है ऐसे में राजद सुप्रीमो से राजद कार्यकर्ता चुनाव को लेकर सलाह मशवरा ले रहे हैं।  इस बीच झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी चुपके-चुपके उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे।  बता दें कि झारखंड सरकार के मंत्री बुधवार को रिम्स पहुंचे थे.

दरअसल मंत्री बन्ना गुप्ता रिम्स पहुंचकर उन डॉक्टरों को सम्मानित किया जो कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हुए और फिर प्लाज्मा दान कर कोरोना के मरीजों की जान बचाई।  ऐसे 10 डॉक्टरों को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सम्मानित किया। जिसके बाद मंत्री रिम्स के अपने कार्यालय में चले गए और वहां अपने बॉडीगार्ड और कारकेड छोड़ लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद की कार पर एक अन्य डॉक्टर के साथ केली बंगला यानी रिम्स के निदेशक के घर पहुंचे जहां राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव फिलहाल स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.

स्वास्थ मंत्री चुपके-चुपके रिम्स निदेशक के बंगले पर पहुंचे।  वहां जाने के बाद बन्ना गुप्ता ने कहा कि निदेशक के बंगले का निरीक्षण और वहां राजद सुप्रीमो को मिल रहे स्वास्थ्य व्यव्स्था का जायजा लेने गए थे. इस निरीक्षण के दौरान ही लालू प्रसाद से मुलाकात हुई और उनका आशीर्वाद लिया।  साथ ही मंत्री साहेब ने कहा कि उनकी तबीयत का हाल जाना लालू प्रसाद यादव का स्वास्थ्य सामान्य है और ब्लड शुगर थोड़ा ज्यादा है जिसकी वजह से डॉक्टरों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी हुई है.

स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता ने भले ही लालू प्रसाद यादव से मुलाकात को निरीक्षण का नाम दिया हो और स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने पहुंचे ऐसे उन्होंने सफाई दी लेकिन एक पखवारे में दूसरी बार लालू से मुलाकात के मायने समझना मुश्किल नहीं है उनसे मुलाकात के लिए उनके डॉक्टर एक अन्य डॉक्टर के साथ केली बंगला जाना या दर्शाता है कि वह मीडिया और अन्य लोगों की नजर से बचकर लालू प्रसाद यादव से मिलने गए थे. अगर उनको राजद प्रमुख के स्वास्थ्य की जानकारी और केली बंगला का निरीक्षण ही करना था तो उनको किसी तरह की रोक नहीं थी.

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