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कौन होगा बिहार कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष, मदन झा का हो रहा कार्यकाल समाप्त

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी अगले महीने समाप्त हो रही है. जिसके बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि अब मदन मोहन झा के बाद कौन है जो इस पद के लायक है. इसे लेकर पार्टी ने नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश तेज कर दी है. हालांकि पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास दलित उम्मीदवार को आगे लाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस के इतिहास को देखते हुए कई दूसरे नामों को लेकर भी चर्चा जोरों पर है. कौन होगा बिहार कांग्रेस का नया अध्यक्ष और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसे इसके लायक समझता है. ये सवाल बिहार की राजनीति में तैरने लगा है.

सूत्रों की माने तो पार्टी नेतृत्व ऐसे चेहरे की तलाश में है, जो न केवल पार्टी में सब को एकजुट रख सके, बल्कि सर्वमान्य भी हो. साथ ही कोशिश इस बात की होगी कि अध्यक्ष पद के माध्यम से सभी जातीय समीकरणों को भी साधा जाए. कांग्रेस की बिहार में ऐसी स्थिति नहीं है कि वह राजद से अलग होकर चुनाव लड़ सके, ऐसे में इस बात की संभावना ज्यादा है कि अध्यक्ष के लिए पार्टी ऐसे चेहरे पर दांव लगाएगी, जिसका संबंध राजद से भी बेहतर रहा हो. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बिहार में अभी किसी तरह का कोई चुनाव नहीं है और ऐसे में उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों पर को देखते हुए भी पार्टी आलाकमान अध्यक्ष पद का नाम तय कर सकता है.

जानकारी अनुसार कांग्रेस युवाओं को ज्यादा तरजीह दे रही है. ऐसे में पार्टी किसी भी पुराने चेहरे को इसकी जिम्मेदारी नहीं दे सकती है. वैसे इस रेस में विधायक शकील अहमद खान, विधायक राजेश राम, विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा और सांसद अखिलेश सिंह शामिल हैं. हालांकि अखिलेश सिंह की दावेदारी को इस मायने में चुनौती मिल रही है कि कांग्रेस विधायक विधान मंडल दल के नेता भी इसी जाति से आते हैं. सत्तारूढ़ दलों की मानें तो उनका कहना है कि कांग्रेस अब बेसहारा है. उन्हें किसी दूसरे का सहारा लेकर ही चलना है. पार्टी का अध्यक्ष कौन बनेगा उससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस को अपनी मजबूती से ज्यादा राजद को खुश करने की चिंता रहती है. तो वो अध्यक्ष भी ऐसा ही बनाएंगे जो राजद को खुश करने में सक्षम हो.

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