City Post Live
NEWS 24x7

‘पीएम’ का सपना दिखाकर कौन खींच रहा है ‘सीएम’ की कुर्सी?

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस, जो पिछले कई साल से अपने युवराज राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री लॉन्च करने की तैयारी में लगी है. क्या नीतीश कुमार या विपक्ष की किसी और चेहरे पर कांग्रेस साथ आएगी? विपक्ष की तमाम पार्टियां यह जानती हैं कि कांग्रेस या वामपंथी दलों को क्षेत्रीय दलों के साथ खड़ा करना बेहद मुश्किल है. लिहाजा थर्ड फ्रंट की बात हमेशा की तरह इसबार भी बेमानी है.तो क्या ऐसे में आरजेडी और जेडीयू के कुछ नेताओं की ओर से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब दिखाकर उनकी सीएम की कुर्सी छिनने की तैयारी चल रही है?

क्या नीतीश कुमार के करीबी लोग ही ‘पीएम’ की कुर्सी का सपना दिखाकर उनसे सीएम की कुर्सी हथियाना चाहते हैं? हालांकि, जेडीयू की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि नीतीश कुमार पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं. बावजूद इसके बीजेपी का मानना है कि नीतीश कुमार पीएम बनने की महत्वाकांक्षा लिए लालू यादव का संदेश लेकर दिल्ली गए हैं.
जनता दरबार खत्म करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे. दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की और 2024 में विपक्षी एकजुटता के मुद्दे पर मंथन किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 2024 में बीजेपी को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस और वामपंथियों का साथ भी बेहद जरूरी है. वहीं दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने एक बार फिर कहा कि मेरी प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है. मैं बस यही चाहता हूं कि विपक्ष 2024 में एक साथ आए और बीजेपी के खिलाफ दावेदारी करे. इसी के बाद उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की मुस्कुराते हुए तस्वीर सामने आई.

इसके बाद जेडीएस के नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी भी नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं में खास गर्मजोशी दिखी. नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आज मिल रहे हैं. जाहिर है जेडीयू ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं बल्कि उनकी भूमिका 2024 में बीजेपी के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना है. हालांकि, नीतीश कुमार पर बीजेपी लगातार हमलावर है.पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने रंग बदलने में गिरगिट को भी मात दे दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संघ मुक्त भारत की बात कहने के साथ यह कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. बिहार की जनता के साथ देश की जनता ने यह देखा कि किस तरह 2017 में नीतीश कुमार वापस बीजेपी के साथ आ गए. फिर ठीक यही बात उन्होंने लालू यादव और राष्ट्रीय जनता दल के लिए कही थी. 2022 में उन्होंने फिर से बीजेपी के साथ नहीं जाने की बात कही है. अब नीतीश कुमार अपने इस बयान से कब पलटते हैं यह कोई नहीं बता सकता.

बीजेपी के प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की चाहत में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें अपने आसपास क्या हो रहा है, समझ नहीं आ रहा. उनके साथ कौन सा खेल खेला जा रहा है यह दिखाई देना बंद हो चुका है. उन्होंने कहा कि लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी को सीएम की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि पहले नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी से दरकिनार किया जाए. यही वजह है कि आरजेडी मुखिया भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने का सब्जबाग दिखा रहे हैं.

बीजेपी के एक नेता के अनुसार उपेंद्र कुशवाहा भी ऐसे नेताओं में से हैं जो नीतीश से सटकर अपने ऊपर हुए अत्याचार का बदला ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के साथ नीतीश कुमार ने जिस प्रकार का व्यवहार किया था वह शायद ही उपेंद्र कुशवाहा भूल सकते हैं. नीतीश कुमार से अलग होकर कुशवाहा ने मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की थी लेकिन उसमें वह असफल रहे. तब उन्होंने यह सोचा कि अकेले दम पर नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी से हटाया नहीं जा सकता। लिहाजा उन्होंने फिर से नीतीश कुमार से हाथ मिलाया और अब प्रधानमंत्री का सब्जबाग दिखाकर उन्हें सीएम की कुर्सी से उतारना चाहते हैं.

कांग्रेस, जो पिछले कई साल से अपने युवराज राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री लॉन्च करने की तैयारी में लगी है , वह क्या नीतीश कुमार या विपक्ष की किसी और चेहरे पर साथ आएगी? ऐसे में समझना मुश्किल नहीं है कि विपक्ष की तमाम पार्टियां यह जानती हैं कि कांग्रेस या वामपंथी दलों को क्षेत्रीय दलों के साथ खड़ा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. ऐसे में आरजेडी और जेडीयू के कुछ नेताओं की ओर से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब दिखाकर उन्हें कहीं बलि का बकरा तो नहीं बनाया जा रहा है?

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.