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क्या चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव को मिलेगी सुप्रीम कोर्ट से जमानत

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 क्या चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव को मिलेगी सुप्रीम कोर्ट से जमानत

सिटी पोस्ट लाइव – लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लालू प्रसाद यादव को लेकर सियासत तेज हो गई है. परन्तु इस बार यह खबर उनके जमानत से जुड़ा है. समर्थक इस बार उनके जेल से  छुटने की संभावना जता रहे हैं. लालू प्रसाद यादव के वकील चित्तरंजन सिन्हा ने कहा है कि इस बार वे जमानत के लिए पुरी कागजात के साथ तैयार है. रांची हाईकोर्ट से ज़मानत ना मिलने से निराश लालू कुनबे को अब सुप्रीम कोर्ट से बड़ी उम्मीदें है. सलाखों में कैद लालू यादव को बाहर निकालने की सबसे बड़ी कोशिश हो रही है. इस उम्मीद के साथ कि 2013 में जिस तरह से चारा घोटाले के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी, ठीक उसी तरह लालू के वकील फिर से RC 20 ए 96 का हवाला देकर उच्चतम न्यायालय में उनकी जमानत की अपील करेंगे.

गौरतलब है कि 2013 में भी लालू यादव को चारा घोटाला मामले में 1 साल की सजा काटने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. उसी चारा घोटाला के दूसरे केस में आज लालू पिछले 1 साल से जेल में सजा काट रहे हैं. इसी ग्राउंड पर लालू के वकील को पूरी उम्मीद है कि 2013 की ही तरह इस बार भी लालू को जमानत मिल जाएगी. इसके अलावा लालू के वकील चित्तरंजन सिन्हा को केस के मेरिट पर भी पूरा भरोसा है. साथ हीं लालू के खराब स्वास्थ्य का भी हवाला देकर ज़मानत की गुहार लगाई जा रही है. लालू के वकील चित्तरंजन सिन्हा ने बताया कि चारा घोटाले के एक मामले में 2013 में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी, इसी ग्राउंड के आधार सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका डाली गई है क्योंकि पिछली बार की तरह ही लालू यादव इस मामले में एक साल से जेल में है. ऐसे में पिछले ग्राउंड के आधार पर सुप्रीम कोर्ट लालू की बेल मंजूर कर सकता है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले 10 दिन पहले लालू की जमानत याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई इसी हफ्ते के शुक्रवार या फिर अगले हफ्ते की शुरुआत यानि सोमवार को होने की पूरी संभावना है.

हालांकि राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव पर सियासत भी तेज हो गई है. एक तरफ जहा राजद को उनके लोकसभा चुनाव से पहले छुट जाने की उम्मीद है, तो विरोधियों के लिये यह चिंता भरी खबर है. दरअसल लालू प्रसाद यादव जेल से छुट जाते हैं तो महागठबंधन में सीटों के शेयरिंग का मामला आसानी से सुलझ सकता है. उनके आने से बिहार की राजनीति पर खासा असर पड़ सकता है क्योंकि लालू प्रसाद यादव को राजनीति का पक्का खिलाड़ी माना जाता है. ऐसे में विरोधियों का चिंतित होना लाजमी है.

जे.पी चंद्रा की रिपोर्ट

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