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जब भाषणों में सिर्फ एयर स्ट्राइक है तो फिर नोटबंदी पर सवाल कैसे हो? वोटर नहीं देशभक्त हुए हम

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ब भाषणों में सिर्फ एयर स्ट्राइक है तो फिर नोटबंदी पर सवाल कैसे हो? वोटर नहीं देशभक्त हुए हम

सिटी पोस्ट लाइवः लोकतंत्र में जनता मालिक होती है और नेता सेवक लेकिन कमाल की बात है कि सेवक और मालिक दोनों को चुनाव के वक्त हीं अहसास होता है अपनी असल भूमिका का। जनता मालिक होकर भी मालिक नहीं होती और सेवक तो सेवक होता हीं नहीं है। खैर चुनाव आ गया है जनता फिर मालिक हो गयी है और शासक फिर सेवक हो गये हैं। सवाल पूछना वोटर का अधिकार है लेकिन हमें देशभक्त बनाकर हमसे यह अधिकार भी छिन लिया गया है। अब यह सवाल आप खुद से पूछते रहिए कि आप पहले से देशभक्त थे तो फिर बनाये जाने के बाद क्या ज्यादा देशभक्त हो गये हैं। कैसे सवाल पूछेंगे आप उस सरकार से जिसने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे दिया हो। जब भाषणों में नोटबंदी का जिक्र नहीं है, रोजगार का जिक्र नहीं है, 15 लाख कालेधन का जिक्र नहीं है तो फिर आप कैसे पूछ सकते हैं आप तो देशभक्त हैं तो पाकिस्तान पर बम बरसा है उससे खुश होईए, संतोष रखिए कि आपको रोजगार मिले न मिले 56 इंच की छाती 156 इंच की हो गयी है। कहां रोजगार के चक्कर में पड़ते हैं जनाब, काहे 15 लाख गिनने की जहमत उठाईएगा छाती नापिए सरकार की। हम और आप पहले से देशभक्त थे लेकिन कौन मानेगा? हमारा सर्टिफिकेट तो रिन्यू किया जा रहा है? देशभक्ति कहीं ओवर फ्लो न हो जाए क्योंकि इतनी देशभक्ति भरी जा रही है।

साढ़े चार सालों में नोटबंदी की लाइन में लगकर कितने मरे, वायदों और नीतियों के बीच जो फासला था उस फासले में कितने किसान, कितने गरीब समा गये यह सवाल अब मत पूछिए क्योंकि अब यह गिनाया जा रहा है कि एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के 300 मरे। हमारी आपकी छाती तो यह सुनकर हीं चैड़ी हो जाती है कि कायर आतंकियों ने पुलवामा जैसी घटना को अंजाम दिया जिसमें हमारे 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गये और हमारी वायुसेना ने आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान के घर में घुसकर बम बरसाये उसके आतंकी ठिकाने तबाह किये हमारा कलेजा तो यह जानकर हीं ठंडा हो रहा था लेकिन सियासत तो सियासत है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कह दिया 400 आतंकी मारे गये। बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा 250 आतंकी मारे गये और वायुसेना ने कहा हम टार्गेट पर निशाना साधते हैं लाशें नहीं गिनते। सियासत हमारे अधिकारों और हमारे सवालों को ठिकाने लगा देने का हुनर जानती है और कमाल देखिए कि कितनी खूबसूरती से हमें देशभक्त बनाकर हमसे सवाल पूछने का अधिकार छिन लिया जाता है। आप उस नोटबंदी का जिक्र नहीं करते जिसपर आपके सहयोगी सवाल उठाते हैं और सहयोगी कौन लोक जनशक्ति पार्टी जिनके मुखिया रामलिवास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छाती 56 नहीं 156 इंच की है। यह संभव नहीं है कि देशभक्ति और शहादत को सियासत चुनाव के वक्त स्वघोषित मुद्दा बना दे लेकिन कितनी खूबसूरती से यह अघोषित मुद्दा बन गया है आप समझते रहिए। जरा सोचिए वो छात्र कितना मेघावी होगा और उसके सफल होने की गुंजाईश कितनी बढ़ जाएगी जो इम्तहान के वक्त यह तय करे की सवाल क्या होगा?

2019 का सबसे बड़ा सवाल यही है कि मौजूदा केन्द्र सरकार आपकी उम्मीदों पर कितनी खरी उतरी और इसका पैमाना यह है कि जो वायदे किये गये थे, जो दावे किये गये थे उन वायदों को सरकार ने कितना पूरा किया लेकिन यह पैमाना हीं अब बदल गया है। सरकार ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे दिया न, अभिनंदन घर आ गये न, भई एयर स्ट्राइक में 2-4 सौ आतंकी भी मारे गये फिर यह सब सवाल क्यों? दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी सेना की वर्दी पहनकर घूम हीं रहे हैं, आप भी वोट डालने सेना की वर्दी पहन कर निकलें ताकि वोटर कम और देशभक्त ज्यादा दिखें। राजनीति और तमाशे का चोली-दामन वाला साथ हो गया है इसलिए नेताओं का चोला भी बदल गया है. कुर्ता पायजामा के बाद अब सेना की वर्दी…मैं नहीं जानता आप इस तमाशे से खुश हैं या नहीं लेकिन यह आपको और हमको सबको पता है हम सब इस तमाशे के तमाशबीन बना दिये गये हैं बस देखते हैं और मन हीं मन मुस्कुरा लेते हैं कि आखिर हमें मुर्ख कितना समझा जाता है और यह सोच कर संतोष कर लेते हैं कि हम है तो नहीं न मुर्ख।

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