CM नीतीश ने टोका तो कैबिनेट मीटिंग से बाहर निकल गये मंत्री.
सुधाकर बोले- जवाब मांगने पर मेरी छुट्टी ना हो जाए, अपने बयान पर अभी भी हैं कायम.
सिटी पोस्ट लाइव : अपनी सरकार के कामकाज-नीतियों पर सवाल उठानेवाले अपने कैबिनेट के साथी कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री ने जमकर क्लास ली है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में एजेंडों पर बातचीत खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को टोक दिया. मुख्यमंत्री का टोकना सफाई मांगना ही कहा जाएगा. फिर क्या था, इसके बाद सुधाकर ने भी दो टूक जवाब दे दिया कि विभाग में अफसरशाही हावी है.
कृषि की योजनाएं जमीन पर नहीं उतर रही है… मैंने जो कुछ कहा है सही कहा है,हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं. सुधाकर ने कृषि से जुड़ी कई योजनाओं का सच मुख्यमंत्री के सामने रख दिया कि किस तरह से भ्रष्टाचार फैला है. जानकारी है कि सुधाकर ने यहां तक कह दिया कि हमको जनता को जवाब देना है, किसानों को जवाब देना है. सुधाकर गुस्से में रहे और कैबिनेट की बैठक से उठकर चले गये. सुधाकर सूखा पर केन्द्रित मुख्यमंत्री की अगस्त और सितंबर माह की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन वे कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को आए थे.लेकिन बीच बैठक में ही उठकर चले जाना सीधे मुख्यमंत्री का अपमान है.
सुधाकर सिंह ने दो दिन पहले एक कार्यक्रम में कहा था कि कृषि विभाग रद्दी विभाग है. उनके विभाग में चोर भरे पड़े हैं और वे चोरों के सरदार हैं. इसके बाद उन्होंने यह भी कहा था कि कहीं यह सब कहने की वजह से उन्हें चलता न कर दिया जाए. सुधाकर सिंह को लालू प्रसाद ने भी मंगलवार को बुलाया था. वे लालू प्रसाद से मिलने गए और वहां भी अपनी बात साफगोई से रखी. उन्होंने बताया कि अफसरशाही चरम पर है, भ्रष्टाचार चरम पर है और ऐसे में काम करना मुश्किल है, जनता को हमलोग किस मुंह से जवाब देंगे! लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के आवास में मुलाकात के बाद जब सुधाकर बाहर निकले तो फिर से कहा कि वे अपने बयान पर अडिग हैं.सुधाकर सिंह ने मंगलवार को कई बार कैमरे के सामने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं.
कृषि विभाग में प्रधान सचिव एन. सरवन हैं. सुधाकर सिंह के तेवर के बाद या तो सुधाकर सिंह मंत्री पद से हटेंगे या एन. सरवन. ज्यादा उम्मीद है एन. सरवन को हटाया जाए. सुधाकर सिंह अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्हें भ्रष्टाचार में डूबा हुआ विभाग नहीं चाहिए. सुधाकर दो दिन पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में कह चुके हैं कि वे कई अफसरों पर कठोर कार्रवाई करेंगे, वेतन भी रोकेंगे.सुधाकर सिंह के बयान के बाद सरकार को यह दिखाना होगा कि उसका भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस कैसा है ! मुख्यमंत्री कार्रवाई का निर्देश देते हैं या सुधाकर सिंह ही कोई बड़ा कदम उठाते हैं.
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