हाईकोर्ट ने चेताया – VIP मूवमेंट को लेकर आम लोगों को नहीं होनी चाहिए परेशानी
दिक्कत, बिहार सरकार : अब नहीं होगी असुविधा
सिटी पोस्ट लाइव: आज पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार तलब हुई. अमित शाह के पटना दौरे के कारण राजधानी में उत्पन्न हुई जाम की समस्या पर सरकार की तरफ से कोर्ट को सफाई दी गई .आज हाईकोर्ट के जस्टिस अमानुल्लाह ने कल दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार को जमकर फटकार लगाईं .कोर्ट ने कहा कि वीआईपी मूवमेंट के लिए आम लोगों को घंटो जाम में फंसा देने का धंधा अब नहीं चलेगा.कोर्ट ने कहा कि आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए .वीआईपी मूवमेंट के दौरान मुकम्मल व्यवस्था की जाए ताकि आम लोगों को कहीं आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं हो.
बिहार सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया कि आगे से वीआईपी मूवमेंट के दौरान अब आम लोगों को कोई असुविधा नहीं होगी.सरकार की तरफ से कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि आगे से किसी वीआईपी मूवमेंट को लेकर आम लोगों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा . गौरतलब है कि गुरुवार को अमित शाह के पटना दौरे की वजह से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी थी. हड़ताली मोड़, इनकम टैक्स गोलंबर, डाकबंगला चौराहा के पास घंटों लोग जाम में फंसे रहे . इसी जाम को लेकर पटना हाईकोर्ट में आम आदमी पार्टी की नेता प्रवीण अमानुल्लाह ने याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सूबे के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किया था .
गौरतलब है कि कल 12 जुलाई गुरुवार के दिन जैसे ही अमित शाह पटना पहुंचे पूरा का पूरा शहर जाम हो गया. बीजेपी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ पटना की सड़कों पर थी.जगह जगह पर यातायात पुलिस ने अमित शाह और दूसरे बीजेपी नेताओं के फ्री मूवमेंट को लेकर ट्राफिक रोक दिया था .इसी वजह से ट्रैफिक जाम की नौबत आ गई .लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.ये पहला मौका नहीं है जब वीआइपी मूवमेंट को लेकर आम लोगों के आवाजाही पर रोक लगाया गया है .आये दिन किसी न किसी वीआईपी के मूवमेंट को लेकर एअरपोर्ट से लेकर गांधी मैदान के बीच वीआईपी के फ्री मूवमेंट सुनिश्चित कराने को लेकर ट्राफिक को घंटों रोक दिया जाता है. आम आदमी की परवाह पुलिस और प्रशासन के अधिकारी नहीं करते. अगर कोई वीआईपी पांच मिनट जाम में फंस जाए तो ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारी ईधर से उधर हो जाते हैं.लेकिन हर दिन आम लोगों को घंटों जाम में फंसाने वाली ट्रैफिक पुलिस का कुछ नहीं बिगड़ता .
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