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बिहार के दिग्गज-जुझारू पत्रकार स्व. पारसनाथ तिवारी की मनाई गई पहली पुण्यतिथि

सिटी पोस्ट लाइव के एडिटर-इन-चीफ श्रीकांत प्रत्यूष ने कहा- बाबा बिहार के सबसे जुझारू पत्रकार

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बिहार के दिग्गज पत्रकार स्व. पारसनाथ तिवारी की मनाई गई पहली पुण्यतिथि

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जुझारू पत्रकारिता की शुरुवात करनेवाले पत्रकार स्व. पारसनाथ तिवारी की प्रथम पुन्य तिथि आज मनाई गई.बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के कार्यालय में शुक्रवार को अमृतवर्षा हिंदी दैनिक के संस्थापक संपादक स्व. पारसनाथ तिवारी जी (बाबा) की प्रथम पुण्यतिथि सह श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्व. पारसनाथ तिवारी के पुत्र व अमृतवर्षा के संयुक्त संपादक बन बिहारी, पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह,  कांग्रेस विधायिका अमिता भूषण, आईएएस अधिकारी अमिताभ बर्मा बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठोर, भारद्वाज फाऊंडेशन के अमित कुमार, स्वत्व के संपादक कृष्णकांत ओझा, खबरपालिका के संपादक संजय शुक्ल शामिल हुए.

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष प्रेम और वरीय पत्रकार कृष्ण कांत ओझा ने की. इस मौके पर वक्ताओं ने स्व. पारसनाथ तिवारी के जीवनी पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला और पत्रकार जगत में स्व. तिवारी की कमी को महसूस किया. सभी लोगों ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि बाबा पारसनाथ ने खबर को लेकर कभी समझौता नहीं किया. एक छोटे अखबार के जरिये भी वो सत्ता की खामियों को निर्भीकता के साथ उजागर करते रहे.

 इस समारोह में शामिल हो पाने वाले सिटी पोस्ट लाइव के एडिटर इन चीफ श्रीकांत प्रत्यूष ने कहा कि बाबा के लिए न तो कोई खास था और ना ही कोई आम. खबरों को लेकर वो हमेशा सत्ता के निशाने पर रहे. उनके ऊपर जानलेवा हमले हुए .उनके प्रेस में तोड़फोड़ की गई. लेकिन बाबा कभी झुके नहीं. श्रीकांत प्रत्यूष ने कहा कि उन्हें वो दिन याद है जब बाबा रिक्शा पर कहीं जब जाते थे उनके साथ राइफल लिए एक सिपाही उनके बगल में बैठा होता था. एक सिपाही साइकिल पर आगे आगे और एक सिपाही साइकिल पर पीछे पीछे चलता था.बाबा जीवन भर पत्रकारिता की मर्यादा बनाए रखने के लिए लड़ते रहे. उन्होंने कहा कि आज भी बाबा उनके बीच हैं. उनकी सीख और सबक आज भी पतरकारों का मार्गदर्शन कर रही है.

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