सिटी पोस्ट लाइव : बिहार कोरोना से जंग लड़ रहा है, इस जंग में हजारों हार गए तो लाखों जीत गए. आए दिन बढ़ते मामले अब घटते जा रही है. इसे लेकर सत्तापक्ष अपनी पीठ थपथपा रहा है तो विपक्ष इसके लिए लॉकडाउन को. वहीं कोरोना टिकाकारण अभियान पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है. वो कहते हैं न कि जब भूख लगती है तभी खाने की याद आती है, ऐसा ही हाल कोरोना टीकाकरण को लेकर भी बिहार में देखा जा रहा है. जब विपदा आई तो टीकाकरण अभियान शुरू किया गया, और अब टिका ही नहीं मिल रहा.
दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि राजधानी पटना में एक सप्ताह से टीकाकरण अभियान बंद है. 18 से 44 वर्ष के लोगों को टिका देने का काम ठंडा हो रखा है. यही नहीं अन्य जिलों में भी टीकाकरण का काम काफी धीमा है, जो ये दर्शाता है कि कोरोना के तीसरी लहर आने से पहले पूरी नहीं हो सकती है. फिलहाल सिर्फ सरकारी कार्यालयों में टीका लगाया जा रहा है जिसकी संख्या भी काफी कम रह रही है. विभिन्न कार्यालयों में इस वर्ग के 990 लोगों को सोमवार को टीका लगा था. वहीं आम लोगों को टीका नहीं मिल पा रहा.
बता दें 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए 29 मई को ही टीका आने की बात कही गयी थी, लेकिन अबतक उनके लिए टिका नहीं आया है. अब जो जानकारी सामने आई है उनके मुताबिक छह जून को टीके की नयी खेप आने के बाद सात जून से इस आयु वर्ग का टीकाकरण होगा. वैसे आपको बता दें कि टीका लगवाने के लिए लोगों की कमी नहीं है, लेकिन लोगों के लिए टीका ही नहीं है. फिर तो ये बात साफ़ है कि 18 से 44 वर्ष के लोग बिना टीका ही कोरोना का जंग जीत जायेंगे. क्योंकि जबतक नबर आयेगा तबतक तीसरी लहर आ जाएगी. जिसकी वजह से कोरोना टीकाकरण में तेजी लाई गई थी.
Comments are closed.