उपेन्द्र कुशवाहा का महागठबंधन में जाना तय, सीटों के बटवारे को लेकर बातचीत जारी
सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा बीजेपी-जेडीयू के बीच बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने के एलान के बाद अब ये बात साफ़ हो गई है कि किसी भी सूरत में एलजेपी को 5 से ज्यादा और रालोसपा को 2 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेगीं. स्थिति साफ़ होने के साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा ने अपना स्टैंड भी साफ़ कर दिया है कि वो 2 सीटों पर समझौता नहीं करने वाले. उपेन्द्र कुशवाहा ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बातचीत शुरू कर दी है. उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी से मुलाकात कर ये साफ कर दिया है कि अगर उनकी पार्टी को दो से ज्यादा सीटें न मिली तो वो महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं.राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से अरवल स्थित गेस्ट हाउस में मुलाकात कर ये संकेत दिया है कि सीट शेयरिंग में दो से ज्यादी सीटें नहीं मिलने पर वो कोई भी फैसला कर सकते हैं.
जबतक तेजस्वी से सीटों को लेकर बातचीत पक्की नहीं हो जाती है, उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए छोड़ने का एलान तो नहीं करेगें. लेकिन जैसे ही उन्हें मनमाफिक सीटें आरजेडी में मिल जायेगीं, वो एनडीए को छोड़ने में तनिक भी देर नहीं करेगें. उपेन्द्र कुशवाहा तो शुक्रवार को तेजस्वी यादव से मिले लेकिन उसके पहले ही उन्होंने पार्टी के वरीय नेताओं को आरजेडी के साथ बातचीत करने की जिम्मेवारी सौंप दी है. रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष नागमणि लगातार आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के संपर्क में बने हुए हैं. लालू यादव के द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद ही उपेन्द्र कुशवाहा तेजस्वी यादव से मुलाक़ात करने पहुंचे.
तेजस्वी से मुलाक़ात के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए में सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है. बीजेपी और जेडीयू में सीटों की सहमति को लेकर आरएलएसपी नेता ने कहा कि 50:50 के फार्मूले का कोई अंत नहीं है. यह 5-5 सीट या 15-15 सीट या 25-25 सीट भी हो सकता है. जब तक कुछ तय नहीं होता है तब तक कुछ बोलना कैसे संभव है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि एनडीए की बैठकों में उन्हें नजर-अंदाज किया जा रहा है. कुशवाहा ने कहा कि वह एनडीए में हैं. यह संयोग है कि तेजस्वी भी अरवल में ही थे इसलिए वो मिलने पहुँच गए.
सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीट शेयरिंग संभावित स्थिति के तहत जेडीयू और बीजेपी 17-17 पर जबकि एलजेपी को 4 और RLSP को दो सीट देने का फैसला हो चूका है. राम विलास पासवान की एलजेपी भी 7 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है क्योंकि उसे पता है कि उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने के बाद उसकी मांग पूरी हो सकती है. सूत्रों के अनुसार उपेन्द्र कुशवाहा तीन सीटों से भी नहीं मानने वाले हैं क्योंकि उनकी पार्टी के कई वरीय नेता महागठबंधन से तालमेल के पक्ष में हैं. अगर वो दो या तीन सीटों पर एनडीए के साथ समझौता कर लेते हैं तो उनकी पार्टी में बड़े पैमाने पर टूट निश्चित है. अगर महागठबंधन के साथ जाते हैं तो केवल भगवन कुशवाहा के पार्टी छोड़ बीजेपी के साथ जाने की संभावना है. भगवन कुशवाहा तीन दिन पहले ही एनडीए को अपना मंदिर बता चुके हैं.
गौरतलब है कि शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. अमित शाह ने इस मुलाकात के बाद बताया कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी ने आगामी 2109 के लोकसभा चुनाव बराबर सीटों पर लड़ने का फैसला किया है. सीटों को दो-तीन दिनों में ऐलान किया जाएगा, जबकि गठबंधन की बाकी सीटें लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) साझा करेंगे.शाह ने कहा कि तीन-चार दिन से बिहार के लोकसभा के लिए सभी साथियों से चर्चा चल रही थी. नीतीश कुमार के साथ विस्तार से चर्चा के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जेडीयू और बीजेपी एक साथ मिलकर बराबर सीटों पर लड़ेगी.
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