नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नागमणि को उपेन्द्र कुशवाहा ने दे दी है चेतावनी
सिटी पोस्ट लाइव : अब उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी रणनीति बदल दी है. उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलनेवाले अपनी पार्टी के नेताओं को ही चेता दिया है कि उनके और नीतीश कुमार के बीच में जो नेता आयेगें, बुरे फंसेगें. घसीटे जायेगें क्योंकि उन्हें नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के रिश्ते के बारे में जानकारी नहीं है. रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रालोसपा नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि मेरे और नीतीश के बीच में आइयेगा तो फेर में पड़ जाइएगा और आपको घसीटा जाएगा. हमेशा सोच समझकर बयान दीजिए.
बुधवार को वे रवींद्र भवन में सरदार पटेल जयंती समारोह में आये उपेन्द्र कुशवाहा का ईशारा अपनी ही पार्टी के नेता नागमणि की तरफ था, ऐसा माना जा रहा है क्योंकि वहीँ रालोसपा के ऐसे नेता हैं, जो लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं. उपेन्द्र कुशवाहा की चेतावनी नागमणि को थी इसलिए भी मना जा रहा है क्योंकि पहले भी उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने और आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्देश नागमणि को दी थी. लेकिन नागमणि नहीं माने.यहीं वजह है कि रालोसपा के इस कार्यक्रम में रालोसपा नेता नागमणि को आमंत्रित तक नहीं किया गया था. कार्यक्रम में भगवन कुशवाहा मौजूद थे लेकिन नागमणि को न्यौता ही नहीं मिला.
नीतीश कुमार को उपेन्द्र कुशवाहा ने अपना बड़ा भाई बताने के साथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ईशारों ईशारों में दावा भी कर दिया. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी और मेरे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. जितना नीतीश जी को मैं जानता हूं, कोई दूसरा व्यक्ति नहीं जानता. वे मेरे बड़े भाई हैं. एनडीए में आने के बाद कई बार मुलाकात हो चुकी है. उन्होंने मुझसे कहा-15 साल सीएम रहना बहुत होता है. अब मन संतृप्त हो चुका है. अब सीएम की यह कुर्सी खाली होने वाली है. एनडीए को बिहार की जनता ने राज्य में सत्ता में नहीं लाया है. नीतीश जी के आने से एनडीए को बैठे बिठाए सत्ता मिली है.
नीतीश कुमार के साथ कुशवाहा ने अपने अच्छे संबंध बता दिए , नीतीश कुमार के खिलाफ आग उअगालाने वाले अपनी पार्टी के नेताओं को चेता भी दिया साथ ही बीजेपी से कई सवाल भी कर दिए. सीट शेयरिंग को लेकर कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू के एनडीए में आने के बाद यह कहा जा रहा है कि सभी दलों को त्याग करना होगा. हम त्याग के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें जवाब चाहिए. मेरा सवाल है कि जब 2017 में एनडीए सत्ता में आई, तब रालोसपा को भागीदारी क्यों नहीं मिली? अब राज्य में सत्ता में भागीदारी देने का कोई मतलब नहीं है. फिलहाल हम एनडीए में हैं आगे भी मजबूती से रहेंगे.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि रालोसपा का झंडा एक अणे मार्ग में लगा देने से सीएम नहीं बन सकते. सीएम तो जनता तय करती है. इसलिए रालोसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाना चाहिए.अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए.
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