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उपेन्द्र कुशवाहा हुये पैदल, JDU ने कहा- वो किसी पद पर नहीं.

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सिटी पोस्ट लाइव :जेडीयू ने आखिरकार अपने बागी नेता उपेन्द्र कुशवाहा को ठिकाने लगाने का काम शुरू कर दिया है.पार्टी ने उनसे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद को छीन लिया है.गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से 19-20 फरवरी को जदयू के नेता-कार्यकर्ता व अन्य लोगों की बैठक बुलाई है. लेकिन, सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने स्पष्ट कर दिया कि ‘उपेंद्र कुशवाहा, संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं.’दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- मैं दिन-रात जदयू की मजबूती में लगा हूं. लगातार कोशिश में हूं कि मुख्यमंत्री मेरी बातों पर ध्यान दें, ताकि पार्टी मजबूत हो सके. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-मेरे कहीं जाने की बात मुख्यमंत्री जी से ही पूछिए.

ललन सिंह ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों का मनोनयन नहीं हुआ है. इसलिए वे (उपेंद्र) अभी पार्टी के किसी पद पर नहीं हैं. फिलहाल जदयू के सिर्फ 2 पदाधिकारी हैं-एक, राष्ट्रीय अध्यक्ष और दूसरे प्रदेश अध्यक्ष.. बाकी पदाधिकारियों के मनोनयन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है.ललन सिंह ने कहा कि ‘बीते दिसंबर महीने में पार्टी के राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हुआ. नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद नए सिरे से पदाधिकारियों का मनोनयन होता है, जो नहीं हुआ है. ऐसे में किसी का, पार्टी के किसी पद पर होने का दावा बिल्कुल गलत है.

JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि, अव्वल तो JDU का कोई भी नेता-कार्यकर्ता, उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बुलाई गई बैठक में नहीं जाएगा. और अगर कोई गया, तो उन पर कार्रवाई होगी.गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि हमने उनको तीसरी बार एक्सेप्ट किया, पूरा सम्मान दिया. वे जिस तरह रोज दिन बोल रहे, इसका मतलब है कि उनकी कहीं बात हो गई है, वहां चले जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा- अरे, बात करने आएंगे, तब न बात होगी. हमने उनके लिए क्या नहीं किया? पद दिया, सम्मान दिया लेकिन, देख नहीं रहे कि क्या-क्या बोल रहे हैं?

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