आज पटना में RLSP कार्यकारिणी की बैठक, कठिन है NDA को छोड़ने का फैसला
सिटी पोस्ट लाइव : आज रालोसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में हो रही है. महागठबंधन के साथ जाने के पक्षधर रालोसपा के नेता नागमणि आज की बैठक में बड़ा फैसला लिए जाने का एलान कर चुके हैं. लेकिन राजनीतिके जानकार पंडितों का कहना है कि एनडीए को छोड़ने का फैसला ले पाना उपेन्द्र कुशवाहा के लिए आसान नहीं होगा. इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि पहलीबार उपेन्द्र कुशवाहा के पक्ष में कुशवाहा समाज गोलबंद है. लेकिन वो आरजेडी के साथ जाने के पक्ष में नहीं है. पहला कारण ये है कि वहां सीएम की कुर्सी मिलना असंभव है. दूसरा आरजेडी के समर्थक यादव बिरादरी की दबंगई की वजह से कुशवाहा समाज आरजेडी को सत्ता में आने देना नहीं चाहता.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी को उपेन्द्र कुशवाहा के पार्टी के नेता खुल्लेयाम धमकी जरुर दे रहे हैं कि दो ड़ों के अंदर सीट फाइनल नहीं किया तो बड़ा फैसला ले सकते हैं. लेकिन फैसला लेने का अधिकार जिस उपेन्द्र कुशवाहा के पास है, वो तय नहीं कर पा रहे कि उन्हें क्या करना है. दरअसल, उपेन्द्र कुशवाहा को पता है कि उनकी राजनीतिक हैसियत बीजेपी के साथ आने के बाद ही बड़ी है. पहलीबार एनडीए में आने के बाद ही वो मंत्री बने हैं और उनकी पार्टी तीन में से तीन लोक सभा सीटों पर जीतने में सफल हुए हैं. आरजेडी में उन्हें सीटें ज्यादा तो मिल जायेगीं लेकिन कितनी सीटें वो जीत पायेगें, कह पाना मुश्किल है. इसलिए अमित शाह से अभी भी बातचीत करने की बात उपेन्द्र कुशवाहा करते दिख रहे हैं. अमित शाह का फैसला केवल अमित शाह का फैसला नहीं बल्कि वो पीएम नरेन्द्र मोदी का फैसला होगा. फिर भी उपेन्द्र कुशवाहा अमित शाह से बातचीत के बाद बात नहीं बनने पर प्रधानमंत्री स मिलने की बात कर रहे हैं. जाहिर है वो एनडीए के साथ ही किसी कीमत पर रहना चाहते हैं. ये हंगामा और प्रेशर पॉलिटिक्स केवल ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने को लेकर है.
कुशवाहा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से एक बार फिर मिलने का वक्त मांगा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि उन्हें मिलने का वक्त मिलेगा. कुशवाहा ने दावा किया है कि एनडीए से सीट शेयरिंग पर उनकी बात बन जाएगी और अगर नहीं बनी तो वे प्रधानमंत्री से भी बात करेंगे. दूसरी ओर, जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इनके जाने से एनडीए की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा के विधायकों और सांसदों के जेडीयू के संपर्क में रहने की बात पर कहा कि उनके दल में आने के इच्छुक सभी नेताओं का स्वागत है.जाहिर है जेडीयू उपेन्द्र कुशवाहा के विधायकों और सांसदों को अपनी पार्टी में लेने से परहेज नहीं करने वाली.
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