सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा के नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार तो कर दिया है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों की मांग रख एनडीए का संकट बढ़ा दिया है.कुशवाहा ने आरजेडी के साथ गठबंधन करने की बात से तो इनकार कर दिया है लेकिन ज्यादा सीटों की मांग कर बिहार में नए सियासी समीकरण की संभवाना को बल दे दिया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने सिटी पोस्ट लाइव से विशेष बातचीत में कहा कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी को बिना देर किए सीटों के तालमेल पर घटक दलों के साथ बातचीत शुरू कर देनी चाहिए. उन्हें अभी अस्पष्ट कर देना चाहिए कि कौन पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लडेगी.उपेन्द्र कुशवाहा ने चार वर्षों में पार्टी संगठन के विस्तार और नए नेताओं के शामिल होने का जिक्र करते हुए साफ कर दिया कि 2019 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की दावेदारी 2014 के मुकाबले ज्यादा सीटों पर होगी.
जब सिटी पोस्ट लाइव ने उपेन्द्र कुशवाहा से ये पूछा र कि 2014 में नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा नहीं थे और अब उनकी वापसी के बाद कैसे उनकी पार्टी को ज्यादा सीटें मिलेंगी, कुशवाहा ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी और कार्यकर्ताओं के भावनाओं का ध्यान रखना है .उनकी इच्छा पिछले चुनाव से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की है और उनकी पार्टी उनकी भावनाओं का अन्दादर नहीं कर सकती.उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब एनडीए को यह अस्पष्ट कर देना चाहिए कि कौन पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लडेगी.
रालोसपा के सुप्रेमों ने साफ़ लहजे में यह चेतावनी दी कि अगर सीटों के तालमेल पर देरी होती है तो एनडीए को इसका नुकसान भी हो सकता है यानी रसोलापा वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर सकती है.उपेन्द्र कुशवाहा ने उम्मीद जताई कि अटलजी के निधन से जो राजनीतिक गतिविधियां थमी थीं, वो वापस पटरी पर आयेगीं और बहुत सबकुछ साफ़ होगा.
कुशवाहा ने कहा कि उनके खीर वाले बयान को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया जबकि उनका संकेत अपनी ही पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए हर जमात को साथ लेकर चलने का था. कुशवाहा ने मंडल कमीशन के चेयरमैन बीपी मंडल की जन्मशती पर कहा था कि अगर यदुवंशियों का दूध, कुशवंशियों का चावल और पिछड़ी जातियों का पंचमेवा मिल जाए तो स्वादिष्ट खीर बनेगा. उनके इस बयान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में भू-चाल ला दिया था.
खीर के पीछे खिचड़ी पकने की संभावना जताई गई और इसका मतलब यहीं निकाला जा रहा है कि कुशवाहा जल्दी ही आरजेडी-कांग्रेस-हम गठबंधन में शामिल होंगे. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कुशवाहा की हां में हां मिलाते हुए स्वादिष्ट व्यंजन पकाने पर मुहर लगाकर मामले को और भी संगीन बना दिया है.
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