.उपेन्द्र कुशवाहा का BJP पर हमला, “जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है”
सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा सुप्रीमो , केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा बीजेपी द्वारा भाव नहीं दिए जाने से गंभीर संकट में हैं. अभीतक उनकी बात महागठबंधन के साथ फाइनल नहीं हो पाई है और डेटलाइन ख़त्म होने के बाद भी बीजेपी चुप है.ऐसे में उपेन्द्र कुशवाहा ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें क्या करना है? कभी वो बगावती तेवर दिखा रहे हैं तो कभी बीजेपी से अपनी बात मान लेने का आग्रह करते भी दिख रहे हैं. बीजेपी द्वारा भाव नहीं दिए जाने पर पहले तो उपेन्द्र कुशवाहा ने सीधे PM पर निशाना साध दिया.उन्होंने कहा कि PM न तो मिलने का समय दे रहे हैं और ना ही फोन पर बात कर रहे हैं. कोई इतना व्यस्त कैसे हो सकता है ?
फिर उन्होंने शनिवार को मोतीहारी में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता सुनाकर बीजेपी पर साधा निशाना. कुशवाहा ने कहा –‘ जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है”. उन्होंने कहा है कि लगता है बीजेपी ने नीतीश कुमार के सामने आत्म-सम्पर्पण कर दिया है. उसने NDA की पतवार उस नीतीश कुमार के हाथ में सौंप दिया है, जो नाव डूबा देगें. उपेन्द्र कुशवाहा पर BJP विधायक प्रेम रंजन पटेल ने पलटवार भी शायराना अंदाज में कर दिया.बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कुशवाहा को जवाब देते हुए गालिब का शेर सुना दिया-‘ उम्र भर गालिब यहि भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा’.
लेकिन BJP के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने उपेन्द्र कुशवाहा के साथ खड़ा होते उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अपने ही नेताओं को उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ कोई ब्यान नहीं देने की नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि कुशवाहा NDA में हैं और आगे भी रहेगें. फैसला केन्द्रीय नेत्रित्व को करना है, ऐसे में प्रदेश के नेता कुछ भी नहीं बोलें.दरअसल, नित्यानंद का ईशारा अपने ही नेता सुशील कुमार मोदी पर था. ऐसा मन जा रहा है कि खुलकर नीतीश कुमार के पक्ष में उतरे सुशील मोदी पर उन्होंने निशाना साधा है.फिर क्या था उपेन्द्र कुशवाहा ने फिर से यू-टर्न ले लिया. उन्होंने फिर ये कह दिया कि बीजेपी उनकी मांग नीतीश कुमार से मनवा दे तो बीजेपी में ही बने रहेगें.उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश कुमार से कौन सी मांग मनवाना चाहते हैं ,इसको लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है. गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने की मांग कर चुके हैं.सवाल ये उठ रहा है कि क्या वो बीजेपी से इसी मांग को मनवाने की बात कर रहे हैं.