राहुल गांधी से मिलने का अभीतक उपेन्द्र कुशवाहा को नहीं मिला है वक्त
सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के अगले कदम को लेकर अटकलों का बाज़ार अभी भी गर्म है. उपेन्द्र कुशवाहा लगातार संशय की राजनीति कर रहे हैं. गुरुवार को मोतिहारी में आयोजित चिंतन शिविर के अंतिम दिन पार्टी के खुले अधिवेशन के दिन वो गरजे खूब लेकिन फिर बरसे नहीं. सिटी पोस्ट लाइव के यूं ट्यूब चैनल की भविष्यवाणी के अनुसार उन्होंने NDA छोड़ने का नहीं किया एलान और खोल दिया नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा.
आगे क्या करेगें उपेन्द्र कुशवाहा इसको लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है. मीडिया में खबर चल रही है कि उपेन्द्र कुशवाहा शरद यादव के जरिये राहुल गांधी से मिलेगें. वो लालू यादव पर भरोसा नहीं कर रहे. इसलिए वो राहुल गांधी के जरिये महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं. खबरिया चैनलों के अनुसार उपेन्द्र कुशवाहा राहुल गांधी से 10 दिसंबर को मिलेगें .लेकिन सिटी पोस्ट लाइव के सूत्रों के अनुसार पिछले 15 दिनों से शरद यादव राहुल गांधी से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन अभीतक समय नहीं मिला है.
मीडिया में ये खबर भी चल रही है कि उपेंद्र कुशवाहा दस दिसंबर को दिल्ली जाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं और उसके बाद ही वो एनडीए छोड़ने की घोषणा करेंगे और फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे सकते हैं.लेकिन सिटी पोस्ट लाइव के सूत्रों के अनुसार उपेन्द्र कुशवाहा खुद इस्तीफा नहीं देगें. शरद यादव ने उन्हें खुद इस्तीफा नहीं देने और नीतीश कुमार और बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाते रहने की सलाह दी है ताकि परेशान होकर बीजेपी उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल बाहर करे. ये रणनीति जनता की सहानुभूति के लिए बनाई गई है.
इसी रणनीति के तहत उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के साथ ही पहली बार प्रधानमंत्री मोदी को भी अपने निशाने पर लिया.उन्होंने कहा कि मैंने जिसके साथ काम किया उनके साथ काम करके मुझे कोई बड़ा परिवर्तन नहीं दिखा. कुशवाहा ने कहा कि हमने जिसके साथ दस बारह साल लम्बी लड़ाई लड़ी वो बेकार चला गया.कुशवाहा ने जहां बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार को लताड़ा वहीं राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा पर भी जमकर हमला बोला.उन्होंने कहा कि बिहार की जो हालत पंद्रह साल पहले थी वही हाल आज भी है. उन्होंने कहा कि नीतीश मॉडल में शिक्षा का हाल पूरी तरह बदहाल हो गया है.लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा राहुल गांधी से मुलाकात करने की खबर को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं चल पा रहा है कि बिना आग के धुवां कैसे और कहाँ से निकल रहा है.
निर्णय लेने में हो रही देर से महागठबंधन के नेताओं का सब्र का बाँध भी टूटने लगा है. शिवानन्द तिवारी तो उनके ऊपर कुर्सी के मोह में फंसे होने का आरोप लगा ही चुके हैं. अब बिहार कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने साफ कह दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़कर आते हैं तो महागठबंधन में उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन यहां सीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं है.
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