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पटना में सितंबर तक बनेंगे दो मदर सीएनजी स्टेशन.

बीएसएनएल और गेल के बीच हुआ एग्रीमेंट:, दो मिनट में एक वाहन में भरेगी गैस

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सिटी पोस्ट लाइव : पटना के सीएनजी वहां मालिकों के लिए बड़ी खबर है.पटना में एक साथ दो सीएनजी मदर स्टेशन बनेंगे. यहां वाहनों में 200 प्रेशर की स्पीड से गैस डाली जाएगी. वाहन में गैस डालने में महज दो मिनट का समय लगेगा. यहां से शहर के दुसरे स्टेशनों पर गैस की आपूर्ति भी की जायेगी. गेल के जीएम एके सिन्हा के अनुसार शहर में मदर स्टेशन होने के बाद गैस के प्रेशर की समस्या नहीं होगी.

बीएसएनएल और गेल के बीच हुए समझौते के अनुसार गर्दनीबाग और ट्रांसपोर्टनगर में बीएसएनएल की जमीन पर सितंबर तक दो मदर स्टेशन निर्माण होगा. दिल्ली की कंपनी द्वारा स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. 31 मार्च तक मिट्टी जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और अप्रैल के दूसरे सप्ताह में स्टेशन बनाने का काम शुरू हो जाएगा.

हर स्टेशन पर प्रतिदिन 8000 से अधिक वाहनों में गैस डालने की क्षमता होगी. दो स्टेशनों ं पर प्रति दिन 16 हजार वाहनों में गैस डाली जा सकेगी. यहां 200 प्रेशर क्षमता से सिलेंडर में गैस डाली जाएगी. अभी पटना में जो स्टेशन हैं, उनकी क्षमता 150 से 180 तक की प्रेशर की है. गर्दनीबाग और बाइपास में एक-एक मदर स्टेशन होने से यहां से शहर के पूरब की तरफ बाइपास, पटना सिटी, बख्तियारपुर, फतुहा, बाढ़, बैरिया सहित अन्य इलाकों के सीएनजी स्टेशनों पर पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति होगी. फुलवारीशरीफ सीएनजी स्टेशन पर पाइपलाइन से आपूर्ति की तैयारी हो चुकी है. नौबतपुर मदर स्टेशन से बेली रोड पर सगुना से रुकनपुरा तक के तीन स्टेशनों पर पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति हो रही है.

सितंबर तक फुलवारीशरीफ, बाइपास स्थित मीठापुर, जीरोमाइल, बिक्रम, मनेर और टोल प्लाजा के पास एक-एक सीएनजी स्टेशन खुलेगा. यहां अधिकतम 8 नोजल होंगे. शहर में रोजाना सीएनजी की आपूर्ति करीब 90 हजार किलोग्राम है. मांग भी लगभग इतनी है. गेल जीएम के मुताबिक अगर सीएनजी वाहनों की संख्या में वृद्धि जारी रही तो मांग को पूरा करना एक चुनौती होगी. पटना में अभी 26 हजार से अधिक सीएनजी वाहन हैं. इनमें कैब मिलाकर 5 हजार से अधिक सीएनजी कार और 150 बसें हैं.

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