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शराबबंदी के चक्कर में फंसे BJP-RJD के दो नेता.

BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और RJD के विधान परिषद सदस्य प्रो. रामबली सिंह फंसे.

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सिटी पोस्ट लाइव :शराबबंदी और जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर बिहार में सियासी घमाशान मचा हुआ है.शराबबंदी पर पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देनेवाले नेता अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं.BJP और RJD दोनों पार्टियों ने अपने ऐसे नेताओं को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया है.BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद पार्टी के निशाने पर हैं.उनकी पार्टी मृतकों के स्वजनों को मुआवजा देने की मांग कर रही है.लेकिन राजीव रंजन ने मुआवजे की मांग का विरोध करते हुए मीडिया में बयान दे दिया कि बिहार में शराब पीना अपराध है. जहरीली शराब पीने वालों ने आपराधिक कृत्य किया था. इसलिए उनके स्वजनों को मुआवजा देना उचित नहीं होगा.

 

राजीव रंजन प्रसाद ने 2005 के विधानसभा चुनाव में JDU के टिकट पर ही नालंदा जिले के इस्लामपुर से जीते थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी मित्रों में गिने जाते हैं. वे झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में बिजली बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. नीतीश से मतभेद होने के कारण भाजपा में आ गए. यहां उन्हें सम्मान मिला. प्रसाद को पार्टी में मीडिया प्रबंधन का जिम्मा दिया गया. लेकिन, सूत्रों का कहना है कि मुआवजा मामले में पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग होने के बाद से उन्हें महत्वपूर्ण बैठकों से अलग रखा जा रहा है. प्रदेश नेतृत्व ने समझाने के नाम पर उन्हें कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

 

ऐसा ही कुछ RJD के विधान परिषद सदस्य प्रो. रामबली सिंह के साथ हो रहा है. ये अति-पिछड़ी जाति से आते हैं.RJD ने इन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया है.इतना ही नहीं ,शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र को नियमित करने के लिए हाल में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.इन्हें इसका सदस्य भी बनाया गया है.लेकिन एक चैनल ने इनका स्टिंग ऑपरेशन कर दिया.इस स्टिंग ऑपरेशन में ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं. सूत्रों के अनुसार इस स्टिंग के बाद से ही सिंह नजर बचाकर चलने लगे हैं. यह तय हो गया है कि भले ही किसी और बहाने हो, मगर इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

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