निजी स्कूल की मनमानी, वुलेन सॉक्स नहीं खरीदने पर छात्राओं को एडमिट कार्ड नहीं देने की धमकी
सिटी पोस्ट लाईव – अक्सर निजी स्कूलों के बारे में ख़बरें आती रहती हैं कि स्कूल प्रबंधन शिक्षा से अधिक व्यवसाय करने पर ध्यान दे रहा है. जैसे-प्रत्येक वर्ष अपने ड्रेस को लेने के लिए छात्राओं को मजबूर करना. प्रयेक वर्ष कुछ किताब के चैप्टर को बदलकर नये किताब खरीदने को बाध्य करना. परंतु राज्य सरकार इसपर अंकुश लगाने के लिए कोई सख्त कारवाई नहीं करती है. इसी का फायदा उठाकर ये निजी स्कूल वालें मनमानी करते हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी के निजी स्कूल का सामने आया है.यहां स्कूल की प्राचार्या पर छात्राओं के सॉक्स (मोजे) जबरन खुलवाने का आरोप लगा है और तुगलकी फरमान नहीं माने जाने पर छात्राओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. स्कूल प्रबंधन द्वारा जबरन 50 से अधिक छात्राओं के सॉक्स को डस्टबिन में फेंका गया और छात्राओं को घंटों स्कूल के बाहर खड़ा किया गया.
जानकारी के मुताबिक छात्राओं को वुलेन सॉक्स नहीं पहनने की वजह से प्रताड़ित किया गया और छात्राओं ने जब इसका विरोध किया तो विरोध करने पर उन्हें एडमिट कार्ड नहीं देने की धमकी दी गई. जिसके बाद छात्राओं ने राहगीरों को अपनी आपबीती सुनाई और स्कूल की प्राचार्या और उप प्राचार्या पर आरोप लगाया. ये घटना स्कूल की 10 वीं की छात्राओं से हुई है.ऐसे में अपने ही स्कूल प्रशासन की हरकत से छात्राएं सदमें में हैं. छात्राओं ने कहा कि -“स्कूल प्रबंधन ने उन्हें नए सॉक्स खरीदने को कहा था हालांकि इन्हें मात्र दो दिन ही परीक्षा देने स्कूल में आना था. ऐसे में सभी पुराने सॉक्स पहन कर पहुंची तो सभी स्टूडेंट्स का सॉक्स खुलवा कर उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया गया.
हालांकि जब इस मामले पर स्कूल की निदेशक फरहत हसन से बात की गई तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया तथा उन्होंने इसे अपने नियम कानून से जोड़ दिया. उनका कहना था कि -“यह स्कूल के छवि को खराब करने की एक साजिश है. इस मामले को छात्राओं के अभिभावाकों के साथ मिलकर सुलझा लिया जाएगा.ऐसी कोई बात नहीं है.हमलोग हमेशा से सुरक्षा और शिक्षा को लेकर सजग रहते हैं.”
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