City Post Live
NEWS 24x7

पहले रिश्वत देने को मजबूर थे अब रिश्वतखोरों को धरवा रहे हैं बिहार के ये दो नेता

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

पहले रिश्वत देने को मजबूर थे अब रिश्वतखोरों को धरवा रहे हैं बिहार के ये दो नेता.

सिटी पोस्ट लाइव : भ्रष्टाचार अगर नीचे शुरू हो तो उसे आसानी से रोका जा सकता है लेकिन जब वह ऊपर से शुरू हो तो उसे रोक पाना मुश्किल होता है. इसे भ्रष्टाचार का ट्रिकल थ्योरी कहा जाता है. बिहार में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे बह रहा है यानी इसे रोक पाना आसान काम नहीं. जिस तरह से एक भ्रष्ट इंजिनियर द्वारा सत्ताधारी दल के एक माननीय से 83 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई है, उससे तो यहीं लगता है. बिहार में घूसखोर अधिकारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वो माननीयों को भी रिश्वत के लिए प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रहे.

कई ऐसे माननीय हैं जो अधिकारियों को रिश्वत देकर अपना काम निकाल रहे हैं. लेकिन अब माननीयों के नाक के ऊपर से पानी बहाने लगा है. वो लगातार खुश्खोर बाबुओं को पकडवा रहे हैं. इसी साल दो माननीय ने हिम्मत दिखाकर घूसखोरों को हवालात की हवा खिलवा दी. बिहार में सत्तापक्ष और विपक्ष के दो विधानपार्षदों ने आगे आकर धनकूबेरों को घूस लेते गिरफ्तार करवा दिया. विपक्षी पार्टी के विधानपार्षद सुबोध राय ने  इसी साल 27 जून को केंद्रीय एजेंसी सीबीआई की मदद से घूसखोर दो सीजीएसटी अधिकारियों जेल भिजवाया.वहीं सत्तापक्ष बीजेपी के विधानपार्षद अशोक अग्रवाल ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को 16 लाख रू घूस लेते निगरानी से गिरफ्तार करवा दिया.

पटना में सोमवार को निगरानी की टीम ने धनकुबेर इंजीनियर को 16 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. उसके घर से अकूत संपत्ति की बरामदगी हुई.छापेमारी के दौरान इंजीनियर की पत्नी ने कुछ रुपयों के बंडल बाथरूम बंदकर जला दिए और उसे कमोड में डालकर बहा दिया.घूसखोर इंजीनियर इतना मजबूत था कि सत्ताधारी बीजेपी के विधानपार्षद अशोक अग्रवाल से भी भी 83 लाख घूस की मांग कर रहा था.घूस की रकम इतनी बड़ी थी कि माननीय ने उसे पकडवाने का फैसला ले लिया.जब अभियंता ने बिना घूस के काम करने को तौयार नहीं हुआ तो आखिर में विधानपार्षद की कंपनी ने रकम देने के लिए स्वीकार कर लिया.रंगेहाथ उसे रिश्वत लेते धर दबोचा गया.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.