सिटी पोस्ट लाइव, कानपुर: उत्तर प्रदेश में इस वर्ष मानसून करीब एक सप्ताह पहले आया और बारिश को देखकर लोग खुश हुए। इनमें किसानों के चेहरें सबसे अधिक खिले, लेकिन दक्षिणी पश्चिमी मानसून धोखा दे गया। करीब पांच दिन की देरी से दक्षिणी पश्चिमी मानसून पूरे देश कमजोर स्थित से पहुंचा। जिससे बीते सप्ताह लोगों को उमस भरी गर्मी से सामना करना पड़ा।
इधर, पांच दिनों से मानसून बराबर सक्रिय चल रहा है और स्थानीय स्तर पर बारिश कर रहा है। बुधवार को मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश के 37 जनपदों में तेज बारिश हो सकती है। इन सभी जिलों को मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि गंगा यमुना के बीच के मैदानी भागों में मानसूनी बारिश की गतिविधियां अभी आगे भी चलती रहेंगी। मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश के ऊपर आ गई है दो चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र मौसमी प्रणालियों को मजबूत बना रहे हैं। दक्षिण पश्चिमी मानसून की हवाओं की गति भी अब तेज हुई है है और उनके साथ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नम भरी हवाएं भी भारी मात्रा में उत्तर भारत की तरफ आ रही है, जिससे कानपुर मण्डल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश होने की पूरी संभावना है। बताया कि इन दिनों देश भर में मौसमी सिस्टम बना हुआ है। मानसून की ट्रफ गंगानगर, नारनौल, ग्वालियर, चुर्क, गया, बेहरामपुर और फिर मणिपुर से होते हुए मणिपुर की तरफ जा रही है।
एक अपतटीय ट्रफ रेखा महाराष्ट्र तट से कर्नाटक तट तक फैली हुई है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण गुजरात के ऊपर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र असम और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा उत्तर प्रदेश के मध्य भागों से पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ होते हुए तेलंगाना तक जा रही है।
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