सिटी पोस्ट लाइव :मिथिलांचल के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. दरभंगा में बिहार के दुसरे AIMS अस्पताल बनने का रास्ता साफ़ हो गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री के द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में दरभंगा एम्स की घोषणा की गई थी, लेकिन इसमें जमीन अधिग्रहण को लेकर लगातार समस्या आ रही थी. पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) की जमीन में से 200 एकड़ देना था, लेकिन फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के द्वारा 200 एकड़ जमीन में से 55 एकड़ दरभंगा मेडिकल कॉलेज को वापस करने की बात कही गयी.
मंगलवार को जिलाधिकारी (डीएम) राजीव रौशन की मौजूदगी में डीएमसीएच के प्राचार्य (प्रिंसिपल) कृपानाथ मिश्र और अधीक्षक हरिशंकर मिश्रा के द्वारा भारतीय गैर न्यायिक स्टाम्प पत्र पर हस्ताक्षर कर एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ. मधवानंद कर को प्रथम चरण की 81.09 एकड़ जमीन का हस्तान्तरण किया गया.एम्स की ओर से डॉ. माधवानन्द कर ने स्टाम्प पेपर पर दस्तखत कर इसे ग्रहण किया. एम्स के भवन निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए विधिवत भूमि हस्तान्तरण की मांग एम्स के कार्यपालक निदेशक के द्वारा की जा रही थी. प्रथम चरण की भूमि विधिवत स्टाम्प पेपर पर हस्तान्तरित हो जाने के बाद अब एम्स के लिए भवन, चारदीवारी और अन्य निर्माण कार्य के लिए रास्ता साफ हो गया है.
15 अगस्त को दरभंगा एम्स (Darbhanga AIIMS) के पहले निदेशक के पदभार ग्रहण करने के बाद कयास लगाया जा रहा है कि अब इसके निर्माण कार्य में तेजी आएगी. दरभंगा एम्स अस्पताल 750 बेड का होगा. इसके निर्माण पर 1,264 करोड़ रुपए की लागत आएगी जिसे लगभग 48 महीने में बनकर तैयार होना था, मगर यह तय समय से काफी लेट है. दरभंगा एम्स में एमबीबीएस की 100 सीटें, बीएससी नर्सिंग की 60 सीटें निर्धारित की गई हैं. इसमें 15 से 20 सुपर स्पेसिलिटी डिपार्टमेंट भी होगा. इसका निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत किया जाएगा.दरभंगा एम्स बनने से प्रत्यक्ष रूप से करीब 3,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. साथ ही बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.
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