अमित शाह के बार-बार बिहार दौरा का राज आया सामने.
नीतीश कुमार की जीती हुई 16 सीटों को लेकर BJP बना रही बड़ा पला, जानिये इनसाइड स्टोरी.
सिटी पोस्ट लाइव : NDA ने बिहार में 2019 में लोकसभा चुनाव में 40 में से 39 सीट जीतकर इतिहास रच दिया था. 2019 में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी ने 17-17 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने 17 जेडीयू ने 16 और लोक जनशक्ति पार्टी ने सभी छह की छह सीटों पर जीत हासिल करके सबको हैरान कर दिया था. बिहार में एनडीए को एकमात्र किशनगंज की सीट पर पराजय मिली थी.यहाँ से कांग्रेस के उम्मीदवार ने जनता दल यूनाइटेड के कैंडिडेट को पराजित किया था.
2019 के लोकसभा चुनाव में 53% वोट हासिल करने के साथ बिहार के 40 में से 39 सीटों पर कब्जा करने वाली एनडीए का स्वरूप अब बदल चुका है. 2014 में अकेले चुनाव लड़कर 2 सीटों पर सिमट चुके नीतीश कुमार 2019 में बीजेपी के साथ लोकसभा का चुनाव लड़े तो 16 पार्टी के 16 सांसद बन गये.2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड एक बार फिर से बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी. एनडीए में बीजेपी के साथ शामिल रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति का भी दो फाड़ हो चुका है. एक गुट का नेतृत्व दिवंगत रामविलास पासवान के भाई पशुपतिनाथ पारस कर रहे हैं, जिनके साथ 5 सांसद हैं. दूसरे खेमे का नेतृत्व रामविलास पासवान के सांसद बेटे चिराग पासवान कर रहे हैं.
इसबार चुनौती बड़ी है इसलिए अमित शाह बिहार दौरे पर बारबार आ रहे हैं.लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती ( Jayaprakash Narayan birth anniversary ) समारोह में शिरकत करेंगे. इस मौके पर अमित शाह उनकी जन्मस्थली सारण जिला के सिताबदियारा जाएंगे और वहां जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद जनसभा को संबोधित करेगें.अमित शाह सारण जिले में आयोजित दो कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. वह केंद्रीय सहकारिता मंत्री के तौर पर सहकारिता से जुड़े सारण और आसपास के कई जिलों से पहुंचे किसानों को न सिर्फ संबोधित करेंगे बल्कि जेपी जयंती के मौके पर ही सहकारिता विभाग के नए देशव्यापी स्कीम को भी लॉन्च करेंगे.
पिछले महीने यानी 23 और 24 सितंबर को दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया और किशनगंज में जनसभा को संबोधित किया था. सीमांचल के इलाके में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री ने सभा में पहुंचे लोगों से यह कहा था कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बैठी है.दरअसल, कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री को यह बताया गया था कि सीमांचल का डेमोग्राफी काफी तेजी से बदल रहा है, जिसकी वजह से हिंदुओं को ऊपर खतरा मंडराने लगा है. इसके बाद अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को कहा था कि वह हर महीने बिहार आएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो महीने में दो बार भी वह बिहार दौरा कर सकते हैं. अब 24 सितंबर के बाद 11 अक्टूबर यानी 20 दिन के पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दूसरी बार बिहार दौरा तय किया गया है.
पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार के सीमांचल का दौरा पूरी तरह से प्लानिंग के तहत तैयार किया गया था. सीमांचल इलाके में बिहार के कटिहार, अररिया, पूर्णिया और किशनगंज चार जिला शामिल हैं. इन सभी जिलों में मुस्लिम आबादी की संख्या काफी तेजी से बढ़ने की बात बीजेपी द्वारा लगातार कही जाती है. बीजेपी लगातार यह कह रही है कि सीमांचल के इलाके के साथ-साथ आसपास के कई जिलों में भी मुस्लिम आबादी के तेजी से बढ़ने की वजह से इलाके की डेमोग्राफी में भी तेजी से बदलाव देखा जा रहा है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली जनता दल यूनाइटेड को कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मुंगेर, सीतामढ़ी, गोपालगंज, सीवान, बांका, भागलपुर, झंझारपुर, नालंदा, काराकाट, जहानाबाद, मधेपुरा, वाल्मीकिनगर और गया में जीत हासिल हुई थी. इनमें से कई जिले ऐसे हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत-हार में अहम भूमिका निभा सकते हैं. गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने 2 महीने पहले ही एक बड़ी बैठक की थी. बीजेपी के मंत्रियों और बड़े नेताओं को 144 ऐसे लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिस सीट पर बीजेपी को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था या फिर उन सीटों पर बीजेपी कभी चुनाव जीत ही नहीं सकी है. 2019 में जेडीयू ने जिन सीटों पर जीत हासिल की है बीजेपी की योजना उन सीटों पर अपनी पकड़ को मजबूत करना है.
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