सिटी पोस्ट लाइव :TET एग्जाम 2019 के चयनित अभ्यर्थियों ने सचिवालय में जमकर बवाल किया. सर्टिफिकेट से मेरिट और नॉन मेरिट का कॉलम हटाने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि सरकार जब तक उनकी बात नहीं मानेगी, तब वे यहीं डटे रहेगें.परीक्षा में सफल होने के बावजूद मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आने से नाराज अभ्यर्थी सचिवालय कैंपस में घुस गए. गेट पर तैनात गार्ड ने जब रोकने की कोशिश की तो उसे धकेल दिया .गुस्साए छात्रों ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर का पुतला भी फूंका.
आक्रोशित अभ्यर्थियों पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया.
छात्रों का आरोप है कि पुलिस कई अभ्यर्थियों को घसीटते हुए सचिवालय कैंपस के बाहर ले गई. इस दौरान कई अभ्यर्थी घायल हो गए. पुलिस ने करीब आधा दर्जन छात्रों को हिरासत में भी लिया है.अभ्यर्थियों का कहना है कि पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसाई हैं. पुलिस ने न सिर्फ बेरहमी से पीटा, बल्कि सड़क पर घसीटा भी. तीन अभ्यर्थियों के सिर में चोटें आई है.शिक्षा मंत्री का कहना है कि जो अभ्यर्थी पास होंगे, उन्हें क्वालिफाइड या नॉनक्वालिफाइड श्रेणी में रखा जाएगा. लेकिन छात्रों का कहना है कि जब उन लोगों को सर्टिफिकेट मिला तो उसमें क्वालिफाइड तो लिखा था लेकिन साथ ही नॉट इन मेरिट लिस्ट भी जोड़ दिया गया था. मेरिट और नॉन मेरिट की बात की जानकारी नहीं दी गई थी. STET 2019 में 80402 अभ्यर्थी क्वालिफाइड हुए थे. इनमें से 30675 अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट में रख दिया गया और बाकी को नॉन मेरिट लिस्ट में रखा गया. अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले और अपने बात पर कायम रहें.
सर्टिफिकेट में Not in merit देखते ही अभ्यर्थी आक्रोशित हो गए और सभी सचिवालय स्थित शिक्षा विभाग पहुंच गए और हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची. अभ्यर्थियों की मांग है कि Not in merit का काॅलम सर्टिफिकेट से हटाया जाएं. बताते चलें कि मौके पर पहले पुलिस ने अभ्यर्थियों को समझाने, बुझाने का काम किया मगर जब अभ्यर्थी नहीं मानें तो लाठीचार्ज किया गया जिसके बाद अफरा तफरी का माहौल हो गया.मालूम हो कि बिहार में एसटीईटी के नतीजों के आने के बाद से ही विवाद जारी है. अभ्यर्थी लगातार अलग-अलग मसलों पर रिजल्ट में सुधार की मांग कर रहे हैं साथ ही सरकारी तंत्र पर धांधली का आरोप भी लगा रहे हैं.
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