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रिहा हो रहे बंदी समाज व परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से करें: हेमंत

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रिहा हो रहे बंदी समाज व परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से करें: हेमंत

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के 05 केंद्रीय कारागार, 01 मंडल कारा व 01 खुला जेल सह पुनर्वास कैम्प में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 139 बंदियों को रिहा करने की राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुशंसा पर अपनी स्वीकृति दे दी है। आजीवन कारावास की सजा पाए बंदियों जिनके द्वारा लंबी सजा अवधि बीत जाने और कारागार में उनके बेहतर आचरण, उनके उम्र और उनके द्वारा किये गए अपराध की प्रकृति आदि पर राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद विचार करती है और अपनी अनुशंसा करती है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही अब ये सभी बंदी अपने परिवार वालों के साथ रह सकेंगे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि यह दर्शाता है कि अपराधी के जीवन में समाज हित में बदलाव लाना ही सजा का ध्येय होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी शुभकामनाएं रिहा हो रहे बंदियों के साथ हैं। उन्होंने यह अपील किया कि है रिहा हो रहे बंदी नये सिरे से अपनी जिंदगी को शुरू करते हुए देश, राज्य, समाज और अपने परिवार के प्रति अपनी महती जिम्मेदारी का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे लिये शासन एक जिम्मेदारी का अहसास है। रिहा हो रहे बन्दी भी अपने जिम्मेदारी बोध के साथ समाज के लिए सकारात्मक कार्य करें।
किस कारागार के कितने बंदी।

झारखण्ड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद द्वारा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के 62, लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा, हजारीबाग के 26, केंद्रीय कारा, दुमका के 29, केंद्रीय कारा, घाघीडीह, जमशेदपुर के 14, केंद्रीय कारा, मेदिनीनगर, पलामू के 4, मंडल कारा, चाईबासा के 3 और खुला जेल-सह-पुनर्वास कैम्प हजारीबाग के 1 आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी को रिहा करने की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी है।

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