दिल्ली सरकार ने किया आदेश जारी, किरायेदारों पर बनाया दबाव तो होगी जेल
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा मुश्किलें देहाड़ी मजदूरों के लिए खड़ी कर दी है. वैसे तो इसकी चपेट में माध्यम परिवार भी हैं लेकिन ज्यादा परेशानी मजदूरों को है. क्योंकि इनकी कमाई का जरिया सिर्फ मजदूरी है. ऐसे में जब देश में लॉकडाउन हुआ तो इन मजदूरों की कमाई रुक गई. केंद्र और राज्य सरकार इनके लिए लगातार काम कर रही है, लेकिन वो सभी काम इनके लिए नाकाफी है. आर्थिक दंश के कारण खाने पीने की दिक्कत हो गई है.
वहीं ये मजदूर जिन किराए के मकानों में रह रहे हैं, उन मकानों के मालिक लगातार किराया देने का दबाव बना रहे हैं. उन्हें धमकी दी जा रही है कि पैसे नहीं हैं तो घर खाली कर दो. यही नहीं बीते दिनों लाखों मजदूर दिल्ली से पलायन कर भेड बकरियों की तरह अपने राज्य लौटे मजदूरों ने भी यही व्यथा सुनाई थी. हालांकि दिल्ली सरकार इसके लिए लगातार मकान मालिकों से अगढ़ कर रही थी कि कृपया मानवता के आधार पर वैसे लोगों से किराया न लें जो देने में सक्षम नहीं हो. बावजूद इसके माकन मालिकों के द्वारा दबाव बनाने की खबर सामने आ रही थी.
इसलिए अब दिल्ली सरकार ऐसे माकन मालिकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने जा रही है. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव की ओर से गुरुवार को इस बाबत आदेश जारी किया गया है. यदि किराए के लिए दबाव बनाया गया तो जेल तक हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आदेश में कहा गया है कि किराए के लिए दबाव बनाने वाले या मकान खाली करने की धमकी देने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
आदेश के मुताबिक, कोरोना के कारण विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. दिल्ली में लोग बड़ी संख्या में किराए पर रह रहे हैं. इसमें दिहाड़ी मजदूर और दूसरे लोग भी शामिल हैं. सभी को आवास सुरक्षा की जरूरत है. ऐसे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर अगले आदेश तक मकान मालिकों के किराया मांगने पर रोक लगाई जाती है. इस अवधि में किराएदारों को परेशान नहीं करने की हिदायत भी दी जाती है.
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