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बिहार उपचुनाव में लग जाएगा कई बड़े नेताओं की राजनीतिक हैसियत का अंदाजा

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सिटी पोस्ट लाइव : JDU की दो सिटिंग विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्‍वरस्‍थान के चुनाव परिणाम से नीतीश सरकार की सेहत पर भले कोई असर नहीं पड़े लेकिन कई बड़े नेताओं की राजनीतिक ताकत का अंदाजा तो जरुर लग जाएगा. लालू यादव आज भी काटने प्रासंगिक हैं, तेजस्वी यादव और हाल में ही में कांग्रेस में शामिल हुए कन्‍हैया कुमार की बिहार में राजनीतिक हैसियत का अंदाजा भी लग जाएगा. कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में कोई भी टीम जीत सकती है. JDU और RJD में जोरदार मुकाबला हुआ है. नतीजों को लेकर किए जा रहे दावे कुछ घंटों के बाद हकीकत में बदलने वाले हैं. वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मतगणना में जो भी परिणाम आए उसे स्वीकार किया जाना चाहिए. मतदान के बाद वोटरों के मूड से कुछ संकेत उभरे हैं. इनके आधार पर नतीजों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है.

इस बार दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 54 महिला मतदान केन्द्र बनाए गए थे. इन बूथों पर महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर वोट डाले. अन्य मतदान केन्द्रों पर महिलाओं की लंबी कतारें देखी गई थीं. अभी तक के चुनावी ट्रेंड के मुताबिक महिला वोटरों का समर्थन नीतीश कुमार को मिलते रहा है. पिछले कुछ चुनावों में महिलाएं नीतीश कुमार की जीत में निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं. चूंकि वर्ष 2020 की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत कम है, ऐसे में महिला वोटरों का टर्नआउट अहम साबित हो सकता है. तारापुर में 51.87 फीसदी वोट पड़े हैं. इनमें पुरुष वोटरों की भागीदारी 45.72 फीसदी ही रही, जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 50.19 रहा. यानी करीब 5 फीसदी महिलाओं ने अधिक वोट किए. माना जा रहा है कि कुशेश्वरस्थान में जदयू को सहानुभूति वोट भी मिले हैं. जदयू उम्मीदवार अमन हजारी ने अपने दिवंगत पिता शशिभूषण हजारी के असामयिक निधन को इस चुनाव में भावनात्मक मुद्दा बनाया था.

लालू यादव के चुनाव प्रचार में उतरने से राजद को फायदा मिलता दिख रहा है. लालू यादव की चुनावी सभाओं में जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी. तबीयत खराब होने के बाद भी वह चुनाव प्रचार के लिए आए थे. उनको देखने-सुनने के लिए लोग बेहद उत्सुक थे. चुनाव में हार-जीत अलग बात है, लेकिन चुनावी रैलियों से लालू यादव ने समां बांध दिया था. हालांकि, कांग्रेस के पक्ष में हुई वोटिंग को राजद के लिए झटका माना जा रहा है. मतदान के बाद मिले संकेतों के मुताबिक कांग्रेस को अनुसूचित जाति समुदाय के एक बड़े हिस्से का समर्थन मिला है. एससी वोट के बंटने से राजद को नुकसान की संभावना जताई जा रही है. कन्हैया कुमार ने कुशेश्वरस्थान और तारापुर में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार किया था, लेकिन मतदान के दौरान कांग्रेस को वह फायदा नहीं मिलता दिखा जिसकी उम्मीद की जा रही थी.

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