सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में बेकाबू हो चुके कोरोना के संक्रमण से हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है.सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं है.निजी अस्पताल इसे कमाई का जरिया बना चुके हैं.एक एक मरीज को निजी अस्पताल सैट से आठ लाख रूपये का बिल थमा रहे हैं. अस्पतालों में बेड की कमी को देखते हुए सरकार ने पटना के NMCH के बाद गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने का फैसला किया है.
बिहार में अनियंत्रित हो चुके कोरोना के चलते अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं तो श्मशानों में जगह. सरकार अस्पतालों में बेड बढ़ाने के प्रबंध में जुट गई है. बुधवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि हमने कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाई है. इसके साथ ही सरकार ने पटना के NMCH के बाद गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने का फैसला हुआ है. बता दें कि बिहार में कोरोना बेकाबू हो गया है. यहां पर हर रोज 4 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं.
कोरोना का संक्रमण की तेज रफ्तार के बीच आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने पटना में COVID19 वैक्सीन की डोज़ लगवाई. CM नीतीश कुमार ने IGMS में जाकर वैक्सीन की दूसरी डोज ली. इस दौरान ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री विजय चौधरी ने भी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत मौजूद रहे.
कोरोना का दूसरा डोज लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी को कोरोना वैक्सीन लेनी चाहिए. लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू लगाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विकल्प पर विचार किया जा रहा है.गौरतलब है कि बिहार में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 23724 पहुंच गई है. सबसे खराब हालात पटना में हैं, जहां पर करीब 36 इलाके हॉटस्पॉट बन चुके हैं. यहां पर कोरोना की चपेट में सैकड़ों लोग हर दिन आ रहे हैं. पटना में पिछले एक दिन में 1483 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं.
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