सिटी पोस्ट लाइव : मॉनसून (monsoon) और उसके बाद संभावित बाढ़ (flood) को देखते हुए मछली पालकों के लिए बिहार सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. बाढ़ की वजह से अगर किसी मछली पालक या मछली मारने वाले मछुआरे को जाल, नाव या डोंगी का नुकसान होता है तो उसे केंद्र सरकार के SOP के तहत एक निश्चित राशि (compensation) बिहार सरकार के आपदा विभाग की तरफ से दी जाएगी. बिहार के पशुपालन मत्स्य मंत्री मुकेश सहनी के अनुसार कोई मछली पालक तालाब में मछली पालन करता है और अगर बाढ़ की वजह से उसे मछली का नुकसान होता है, तो वैसे तालाब का भी इंश्योरेंश कराया जाएगा ताकि नुकसान की भरपाई हो सके.
मुकेश सहनी के अनुसार तालाब के इंश्योरेंश के लिए कुछ कंपनियों से बात चल रही है. बहुत जल्द फाइनल हो जाएगा और हमारी कोशिश है कि बाढ़ के हालात बनने के पहले तालाबों का इंश्योरेंश का काम हो जाए ताकि मछली पालन करने वाले लोगों को अगर बाढ़ की वजह से नुकसान होता है तो उसकी भरपाई हो सके.उत्तर बिहार के कई जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं और इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा मछली पालन का काम भी होता है. साथ ही बड़ी संख्या में मछुआरे भी छोटे-छोटे नाव और डोंगी पर सवार होकर जाल की मदद से मछली मारते हैं. लेकिन कई बार बाढ़ की वजह से उन्हें नाव और जाल का नुकसान होता है. साथ ही बाढ़ की वजह से मछली पालन के लिए बनाए गए तालाब को भी नुकसान पहुंचता है.
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त नाव की मरम्मत के लिए : 4100 रुपये,आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त जाल की मरम्मत के लिए : 2100 रुपये,पूरी तरह से क्षतिग्रस्त नौकाओं के लिए : 9600 रुपये,पूरी तरह से क्षतिग्रस्त जाल के लिए : 2600 रुपये,क्षतिग्रस्त मत्स्य बीज फार्म के लिए इनपुट सब्सिडी : 8200 रुपये प्रति हेक्टर,मछली फार्मों की मरम्मती के लिए : 12000 रुपये प्रति हेक्टर मिलेगें.
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