सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत गरम है.इस गणना के खिला सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर हो चुकी है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जातिगत जनगणना को पिछड़ों-दलितों के विकास के लिए जरुरी मानते हैं.उनकी दलील है कि इसी आधार पर उनके लिए सरकारी योजनायें बनाई जायेगी.लेकिन उनके ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने रामचरित मानस के बहाने इस जातिगत जनगणना पर निशाना साध दिया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 195 में मात्र 6 से 7 देशों में लोग जातियों को जानते हैं. मैंने खुद अपने नाम के आगे और पीछे कुछ नहीं रखा, सिर्फ चंद्रशेखर नाम लिखता हूं. नाम के आगे और पीछे जानने की जरूरत ना पड़े तभी हमारा देश ताकतवर बनेगा. बिहार में सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के जातिगत गणना पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने इशारों में सवाल उठाते हुए कहा- बिहार के सपूतों जातियों का प्रश्न न पूछो.
एनओयू (NOU) के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, देश तभी तरक्की करेगा जब लोग सरनेम नहीं पूछेंगे. सिर्फ 5 देशों में ही जाति की बात होती है. केवल 5 देशों में लोग जातियों का नाम जानते हैं कि फलाना पंडित है, फलाना राजपूत है, फलाना कुशवाहा है. मंत्री ने लोगों से विनम्र निवेदन किया कि आप सिर्फ नाम जानें, किसी की जाति नहीं जानें तो देश ताकतवर बनेगा.उन्होंने कहा, सबरी का बेटा जीतनराम मांझी के पूजा करने पर गंगा जल से मंदिर धोए गए. मुख्यमंत्री रहते मांझी जी के साथ पाखंडियों ने ऐसा किया. उन्होंने कहा, बिहार के सपूतों जातियों का प्रश्न न पूछो; तभी देश आगे बढ़ेगा और भारत सोने की चिड़िया कहलाएगा.
बहरहाल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के इस बयान से बिहार में नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो सकता है क्योंकि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट; बिहार में जातिगत गणना पर ही सीधे सवाल उठा दिया है.एक तरफ मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री जातिगत जनगणना के पक्ष में दलील दे रहे हैं वहीं उनके शिक्षा मंत्री बिहार के लोगों से अपनी जाति न बताने और दुसरे की जाती न पूछने की अपील कर रहे हैं.
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