सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर योगी सरकार ने जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) का दायरा एक बार फिर बढ़ाने का निर्णय किया है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को बताया कि बीच में संक्रमण कम होने पर जोखिम क्षेत्र को बहुत छोटा कर दिया गया था। इसमें अब संशोधन किया जा रहा है और अब इसे थोड़ा बड़ा बनाया जाएगा।
इसके तहत संक्रमण के ‘सिंगल केस’ आने पर जोखिम क्षेत्र 50 मीटर का होगा। वहीं जहां क्लस्टर आएंगे वहां पर 100 मीटर के दायरे का जोखिम क्षेत्र बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनहित में एहतियात के तौर पर यह कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि प्रदेश में कोरोना संक्रमण पूरी तरह नियंत्रित रहे। इसके साथ ही प्रदेश में एक नई पहल की जा रही है। इसमें सभी जनपदों को यह निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि वह 11 से 25 नवम्बर तक संक्रमण के जो मामले आए हैं, उनकी अपनी जिले के नक्शे पर मैपिंग करे। ताकि यह पता चले कि शहर के किस इलाके से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।
इसके बाद उन इलाकों में जहां ज्यादा मामले आए हैं, वहां पर फोकस सर्विलांस के जरिए अधिक से अधिक सैम्पल लेकर उनकी जांच करवाई जाएगी। इन नमूनों की अधिकांश आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी, ताकि संक्रमण को जितनी जल्दी हो सके खोजा जा सके और संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करके संक्रमण की श्रंखला को तोड़ा जा सके। इसके लिए प्रथम चरण में 15 जिले चुने गए हैं। इनमें लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, आगरा, सहारनपुर, और मुजफ्फरनगर हैं। इसके बाद दूसरे चरण में शेष सभी जनपदों में यह कार्य शुरू करते हुए वहां भी मैपिंग का कार्य शुरू किया जाएगा ताकि कोरोना की संभावित दूसरी लहर को प्रदेश में आने से रोका जा सके।
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