सिटी पोस्ट लाइव : धोबीघाटों की उउपेक्षा से धोबी समाज काफी आक्रोशित है.न्यू कैपिटल धोबीघाट संघ के रामविलास प्रसाद ने धोबीघाट के जीर्णोंद्धार की मांग करते हुए कहा कि अगर ये काम समय से संपन्न नहीं हुआ तो 1 मार्च से बिहार के मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों, सभी सांसदों, सभी विधायकों और सभी पार्षदों के कपड़े धोने बंद कर दिए जाएंगे. उन्होंने मार्च में बिहार विधानसभा के चालू सत्र अवधि में विधानसभा के घेराव करने का ऐलान भी कर दिया.
गौरतलब है कि 2018 में ही पटना के 6 धोबीघाटों के जीर्णोद्धार का फैसला किया गया था. लेकिन 3 बरस बाद भी इस दिशा में काम नहीं हुआ. अब न्यू कैपिटल धोबीघाट संघ ने इस मुद्दे को लेकर जंग छेड़ दी है.न्यू कैपिटल धोबीघाट संघ के रामविलास प्रसाद ने कहा कि पटना नगर निगम की 25वीं सशक्त समिति की 24 अगस्त 2018 को हुई बैठक में निर्णय किया गया था कि पटना के 6 धोबीघाटों का जीर्णोधार कराया जाएगा. इसके लिए प्राक्कलन बनाकर टेंडर भी किया गया. कुछ धोबी घाटों का आवंटन भी निर्गत किया जा चुका है, लेकिन 3 बरस बीत जाने के बाद भी आज तक एक भी घाटों का जीर्णोधार नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने आदेश भी दिया लेकिन बिहार का दुर्भाग्य है कि आज तक उनके आदेशों का पालन भी नहीं किया गया. पटना राजधानी में लगभग 10 हजार कामगार अभी भी धोबीघाट की समस्या से जूझ रहे हैं.रामविलास प्रसाद ने चेतावनी दी है कि इस महीने के अंत तक धोबीघाटों के जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हुआ तो 1 मार्च से बिहार के मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों, सभी सांसदों, सभी विधायकों और सभी पार्षदों के कपड़े धोने बंद कर दिए जाएंगे. साथ ही मार्च में ही बिहार विधानसभा के चालू सत्र अवधि में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
गौरतलब है कि पटना के बेलीरोड के नजदीक हड़ताली मोड़ के पास 1914 में इस धोबीघाट का निर्माण कराया गया था, पटना के बड़े से लेकर छोटे नेता और कार्यकर्ताओं तक के कपड़े इसी धोबीघाट से धुल कर जाते हैं. लेकिन बदलते समय के साथ इस धोबीघाट की रौनक भी बदलती चली गई. जिस धोबीघाट से बड़े बड़े नेताओं के कपड़े धुल कर जाते हैं, उस जगह का हाल बदहाल है. ऐसे में धमकी देकर इन्होंने साफ कर दिया है कि नेताओं के कपड़े नहीं धुलेंगे.