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भारतीय मित्र पार्टी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाये सवाल

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भारतीय मित्र पार्टी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाये सवाल

सिटी पोस्ट लाइवः पटना में आज भारतीय मित्र पार्टी की ओर से एक प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित था। प्रेस काॅन्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 73 सालों में बिहार में एक स्वास्थ्य की सेवा नहीं दे सकती सरकारें 1700000 से लेकर 35 लाख तक की आबादी है इन जिलों में इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद किसी भी अस्पताल में आप चले जाएं जिले के तो वहां बेहतर ट्रीटमेंट के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. बच्चे की डिलीवरी तक की सुविधा बेहतर तरीके से उपलब्ध नहीं है इस बात का मुझे एहसास 11 मार्च को मेरे पोते के जन्म से हुआ 15 मार्च रात्रि में उसकी तबीयत बिगड़ी 16 मार्च को सवेरे उसको अस्पताल ले जाया गया जहां कोई सुविधा नहीं होने के कारण से एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ओसी जीरोमाइल में भर्ती कराया गया। 17 मार्च को उसकी रिपोर्ट आती है इसमें अचानक से पीलिया काफी बढ़ा हुआ पाया जाता है उसके बाद पटना त्रिपोलिया में धरती नहीं लिया उसके बाद उसको पीएमसीएच लाया गया पीएमसीएच ने भी भर्ती नहीं लिया समझने की बात यह है कि बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच सीरियस मरीज को बच्चे को भरती नहीं लेता है तो आप समझ सकते हैं कि क्या हमारे बिहार सरकार की व्यवस्था है।

चाहे सरकार किसी की भी रही हो यह महत्वपूर्ण नहीं है महत्वपूर्ण यह है कि क्या व्यवस्था है एक राजनीतिक दल का अध्यक्ष होने के नाते यदि मेरे पोते की भर्ती नहीं होती है तो आम लोगों से किस तरीके का इन हॉस्पिटलों में व्यवहार किया जाता है इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसी को लेकर कोई व्यक्ति सरकारी अस्पताल में नहीं जाना चाहता उसके बाद उस बच्चे को कंकड़बाग में स्थित श्री गणपति नर्सिंग होम में भर्ती कराया जाता है ट्रीटमेंट चालू होता है आनन-फानन में डॉक्टर खून बदलने की बात कहते हैं ओ नेगेटिव खून की मांग होती है जो बहुत कम आदमियों के पास यह ग्रुप उपलब्ध होता है व्हाट्सएप के जरिए इस ग्रुप में डाला जाता है कई ग्रुप में ब्लड के लिए दो नौजवान का कॉल आता है कि ब्लड में दूंगा उसका ग्रुप ओ नेगेटिव मिल जाता एहसानमंद आजीवन उन नौजवानों का रहूंगा जिसने मेरे पोते को खून दिया .

खून बदलने के बाद पीलिया घटता है लेकिन दिमाग बच्चे का काम करना बंद कर देता है 24 घंटे बाद डॉक्टर जवाब दे देते हैं कि आप कहीं और ले जा सकते हैं कई डॉक्टरों को हमने इलाज के विषय में दिखाया डॉक्टरों ने कहा है इलाज बेहतर है 20 तारीख सुबह मेरा पोता इस दुनिया में नहीं रहता शायद मेरा पोता बच जाता यदि जिले में सही वक्त रहते अस्पताल में उसे बेहतर ट्रीटमेंट होता लेकिन जिले में कोई सुविधा नहीं होने के कारण से 2 दिन बर्बाद हो गए .

आप जरा माओ के विषय में सोचिए उन बच्चों के विषय में सोचिए जिनके पास पैसा नहीं होते वह व्यक्ति क्या पटना ला सकते हैं क्या प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करा सकते हैं क्योंकि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था इतनी घटिया इतनी गिरी हुई है मेरे पोते की मौत से एक चीज मैंने एहसास किया मेरा पता तो चला गया लेकिन दूसरे का ना जाए इसकी लड़ाई हम लड़ेंगे जब तक बिहार में सभी जिलों में बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा आधुनिक सुविधा सभी जिलों अस्पताल में नहीं हो जाता तब तक भारतीय मित्र पार्टी अपना यह आंदोलन बेहतर शिक्षा बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा।

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