सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बीजेपी विधाायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने लोकायुक्त से टेंडर मैनेज के विवाद में राज्य के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के खिलाफ लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को लोकायुक्त को लिखे पत्र में बताया कि वे अपने स्तर से किसी उपयुक्त व निष्पक्ष एजेंसी से पूरे प्रकरण की जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई करें ताकि मंत्री व अन्य लोगों की असली करतूत जनता के सामने आ सके। साथ ही जगह-जगह हो रहे दलाली, बिचैलियागिरी और ठेका-पट्टा मैनेज के खेल के साथ ही ट्रासंफर-पोस्टिंग को कमाऊ उद्योग बनाने के काम में लगे लोगों पर अंकुश भी लगाया जा सके।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की कार्यपालिका के लघुत्तम से शीर्ष स्तर तक, यदि स्थापित प्रावधानों का उल्लंघन, जनता के अधिकार का अतिक्रमण और लोकवित्त से पारिश्रमिक पानेवाले किसी भी जनसेवक द्वारा कर्तव्य पालन में अनियमितता होती है तो आम जन आपके स्तर से निष्पक्ष, त्वरित और प्रभावी न्याय की अपेक्षा करते हैं। बाबूलाल मरांडी ने लोकायुक्त को अखबारों की छायाप्रतियां एवं एक वायरल ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी है।जिसमें साहेबगंज जिले के बरहड़वा नगर पंचायत के सैरात बंदोबस्ती प्रक्रिया में हुई मारपीट और इस प्रक्ररण में कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम तथा बरहेट विधानसभा क्षेत्र से विधायक व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की भूमिका का जिक्र है।
उन्होंने कहा कि किसी मंत्री का काम कानून का शासन स्थापित करना- कराना और सरकारी राजस्व के हितों की रक्षा करना है, न कि सत्ता की ताकत का दुरूपयोग कर ठेका-पट्टा मैनेज कराकर सरकारी राजस्व को नुकसान पंहुचाना। सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि ने जिस प्रकार इस मामले में सत्ता की धौंस जमाकर क्षेत्र में खौफ पैदा करने का काम किया है, वह उचित नहीं ठहराया जा सकता है। मरांडी ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद यह इस प्रकार की अकेली घटना नहीं है। इस प्रकार के मामलों की चैतरफा शिकायतें आ रही हैं। जगह-जगह ठेका-पट्टा और टेंडर मैनेज करने की होड़ लगी हुई है, एक प्रकार से इसके लिए दुकानें खोल दी गई हैं। नई सरकार के पांच माह के ही शासन में कई ऐसे मामले घटित हुए जिससे प्रतीत होने लगा है कि सत्ता के संरक्षण में, शीर्ष स्तर के प्रोत्साहन से भ्रष्टाचार, जनता के अधिकारों के हनन और लोकवित्त के दुरूपयोग की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बीजेपी विधायक दल के नेता यह भी बताया कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि साहेबगंज से सम्बंधित मामले में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक को राज्य के पुलिस मुख्यालय से एक नोटिस भेजा गया है। उन पर पुलिस मुख्यालय को सूचनायें नहीं भेजने का आरोप लगाकर हतोत्साहित और प्रताड़ित करने का प्रयास किया गया है। इसलिए यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले में संविधानसम्मत तरीके से कोई कार्रवाई नहीं करेगी और स्वाभाविक तरीके से स्थानीय पुलिस द्वारा जारी जांच को भी सत्ता की हनक से प्रभावित करने का भरपूर प्रयास करेगी।
Comments are closed.