तेजस्वी से मिलने के बाद तेजप्रताप यादव के एक्शन में बदलाव, रथ पर हुए सवार
सिटी पोस्ट लाइव : अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से मुलाक़ात के दुसरे दिन से ही आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के एक्शन में बदलाव आ गया है. पार्टी दफ्तर छोड़ कर तेजप्रताप यादव अब चुनाव प्रचार में जोरशोर से जुट गए हैं.तेजस्वी यादव को शनिवार की शाम आशीर्वाद देने के बाद रविवार को तेजप्रताप यादव वैशाली के महनार पहुँच गए. यहाँ भी तेजप्रताप यादव अनोखे अंदाज में दिखे. लालू के रंग में नजर आ रहे तेजप्रताप रथ पर सवार हुए. उनका काफिला रथ के पीछे चलता हुआ नजर आया.
दरअसल, तेजप्रताप यादव महनार के इशाकपुर में एक निजी स्कूल के उद्घाटन समारोह में भाग लेने पहुंचे थे. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इसी स्वागत के तहत कार्यकर्ताओं ने रथ का इंतजाम किया था.बताते चलें कि इस बार तेजप्रताप ने बीजेपी के रथ के मुकाबले रविवार को धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) का रथ निकाला है. बिहार के महनार से इस रथयात्रा की शुरुआत हुई है जो पूरे बिहार में जानेवाली है. तेजप्रताप यादव का कहना है कि उनका यह रथ सूबे में धर्मनिरपेक्षता का संदेश देगा. ये बीजेपी की तरह हिन्दू-मुसलमानों को बांटने वाला रथ नहीं है.गौरतलब है कि धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ एक युवा संगठन है, जिसकी स्थापना पिछले साल की गई थी.
तेजप्रताप यादव ने कहा कि आडवाणी जी के रथ को उनके पिता लालू यादव ने रोका था क्योंकि वह रथ यात्रा देश को बांटने वाला था.वह रथ हिंदूवादी था. अगर बीजेपी धर्मनिरपेक्षता का रथ निकाले तो स्वागत है. लेकिन देश को बांटने वाले रथ को हम फिर रोकेंगे. तेजप्रताप यादव ने आज रथ की सवारी की फिर उसके बाद भागवत कथा का आनंद लिया. इस भगवत कथा का आयोजन उनके राजनीतिक विरोधी ने किया था. लेकिन तेजप्रताप यादव का कहना है कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता. कल का विरोधी अगर आज दोश्ती का हाथ बढ़ाना चाहता है तो उसका स्वागत है.
Comments are closed.