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तेजप्रताप की बदली भूमिका, अब कृष्ण की जगह नजर आ रहे अर्जुन अवतार में

अर्जुन अवतार में तेजप्रताप यादव, फूंका बिगुल, कल पार्टी दफ्तर में लगायेगें दरबार

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तेजप्रताप की बदली भूमिका, अब कृष्ण की जगह नजर आ रहे अर्जुन अवतार में

सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव और अपने पारिवारिक विवाद से बाहर निकलने की कोशिश करते दिख रहे हैं. लालू यादव से मिलने के बाद वो राजनीतिकरूप से बहुत सक्रीय हो चुके हैं. एक बार फिर बिहार की राजनीति में सक्रिय हो चुके तेजप्रताप यादव कल सोमवार को आरजेडी कार्यालय में जनता दरबार लगायेगें.सूत्रों के अनुसार कहने के लिए तो यह जनता दरबार होगा लेकिन होगा राजनीतिक दरबार. इस दरबार में जनता की जगह तेजप्रताप के कार्यकर्त्ता पहुंचेगें.

आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने शनिवार को ट्विटर पर अपने धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में वीडियो में उन्हें अर्जुन की तरह दिखाया गया है और रथ की डोर कृष्ण के हाथ में है. गौरतलब है कि धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ तेजप्रताप यादव का एक संगठन है, जिसकी स्थापना पिछले साल की गई थी. इस वीडियो के जरिए माना जा रहा है कि वह आरजेडी की कमान खुद लेना चाहते हैं.इससे पहले तेजप्रताप यादव ने अक्टूबर महीने में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वह गायों के झुंड के बीच बांसुरी बजाते भगवान कृष्‍ण के गेटअप में नजर आए थे.

हालांकि कुछ महीने पहले आरजेडी नेता ने ट्विटर पर कहा था कि वह ‘हस्तिनापुर’ की बागडोर ‘अर्जुन’ को सौंप ‘द्वारका’ जाने के लिए तैयार हैं. उस समय यह मतलब निकाला गया कि वह आरजेडी की कमान अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को देना चाहते हैं. उन्होंने ट्विट किया था- ‘मेरा सोंचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊँ’.

अब कुछेक “चुग्लों” को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं।।

।। राधे राधे।।

लेकिन इसी सप्ताह सिटी पोस्ट यू ट्यूब चैनल के स्टूडियो में आये तेजप्रताप यादव ने बड़ा खुलासा किया था कि उनके पिता उन्हें केंद्र की राजनीति में डाल देना चाहते हैं. इसीलिए उन्हें छपरा से लोक सभा चुनाव लड़ाने की बात कही जा रही है. लेकिन उन्होंने सिटी पोस्ट के एडिटर- इन-चीफ से बातचीत में साफ़ कर दिया था कि वो लोक सभा चुनाव नहीं लड़ेगें.उन्हें केंद्र की नहीं बल्कि बिहार की राजनीति करना है. नाराज तेजप्रताप ने कहा कि मैं लोक सभा चुनाव लड़कर दिल्ली चला जाऊं, बिहार छोड़ दूँ. ये संभव नहीं है. मेरा दिल बिहार में लगता है. बिहार में ही राजनीति करूँगा.

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