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ईफ्तार पार्टी की सियासत से क्यों दूर हैं तेजस्वी यादव, चुनाव बाद कहाँ हुए गायब?

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ईफ्तार पार्टी की सियासत से क्यों दूर हैं तेजस्वी यादव, चुनाव बाद कहाँ हुए गायब?

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में ईफ्तार पार्टी के बहाने सियासत खूब हो रही है. जो नेता मोदी लहर में चुनाव हार गए हैं, वो भी ईद में शामिल होने के लिए  दिल्ली से अपने अपने क्षेत्र में निकल चुके हैं. इफ्तार पार्टी के बीच सियासत और सियासी बयानबाजी का दौर जारी है.सभी पार्टियों के नेताओं ने  ईफ्तार पार्टी का आयोजन किया. इस ईफ्तार पार्टी के बहाने नए नए राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश करते देखे गए. बीजेपी ने जेडीयू की ईफ्तार पार्टी से दुरी बनाकर रिश्ते तल्ख़ होने का संदेश दिया तो जीतन राम मांझी ने जेडीयू की ईफ्तार पार्टी में शामिल होकर और 24 घंटे के अंदर मांझी की ईफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार ने शामिल होकर एक नए राजनीतिक समीकरण का संकेत दे दिया. पासवान ने भी इफ्तार पार्टी की. ईफ्तार पार्टी का आयोजन तो आरजेडी की तरफ से भी किया गया. लेकिन इस इफ्तार पार्टी से पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ही नदारत दिखे. तेजस्वी गायब थे और  घर से दूर रहने वाले तेजप्रताप मां राबड़ी के साथ मेजबानी करते नजर आ रहे थे.सबके जेहन में बस एक सवाल- आखिर कहाँ हैं तेजस्वी यादव. ईफ्तार और ईद के मौके पर वो कैसे गायब हो सकते हैं ?

रमजान के पाक महीने में जहां एक ओर दावत-ए-इफ्तार का सिलसिला जारी है तो वहीं इफ्तार पार्टी के बहाने कई नए समीकरण भी तय होते दिख रहे हैं. राजनीतिक रिश्तों की कड़वाहट को इफ्तार में परोसे जाने वाले व्यंजन कहीं तो मिठास बढ़ा रहे हैं तो कहीं रिश्तों में आई खटास को भी दर्शा रहे हैं.लेकिन ऐसे में ईफ्तार पार्टी और ईद से दुरी बनाकर तेजस्वी यादव आखिर क्या सन्देश देना चाहते हैं?

दरअसल,आरजेडी और जेडीयू की इफ्तार पार्टी की तारीख एक ही थी. इस बार लालू यादव की गैरहाजिरी में पार्टी का पूरा जिम्मा राबड़ी देवी ने संभाल रखा था.उन्होंने शानदार पार्टी दी. उनका हाथ बंटाने के लिए उनसे दूर हुए बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी साथ दिखे . लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बड़ी बेटी मीसा भारती भी मां के साथ दिखीं.लेकिन कुछ दिनों से मां और राजनीतिक गलियारे से दूर रहे छोटे बेटे तेदजस्वी यादव कहीं नजर नहीं आए.आरजेडी  की इफ्तार पार्टी में सबकी निगाहें तेजस्वी को तलाशती दिखीं. लेकिन तेजस्वी ना तो इफ्तार पार्टी में आए ना ही सोशल मीडिया पर ही नजर आए.

आरजेडी और जेडीयू जदयू की इफ्तार पार्टी के बाद सोमवार को महागठबंधन के घटक दल में शामिल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, लेकिन इस दावत से भी तेजस्वी यादव नदारद रहे. अब सवाल ये है कि तेजस्वी यादव आखिर हैं कहां? क्यों ईफ्तार पार्टी से दूर रहे और ईद के दिन भी पटना में नजर नहीं आये? घरवालों ने जबाब दिया- तेजस्वी दिल्ली में हैं, इसलिए पहुंच नहीं सके.

बीजेपी और जेडीयू के बीच केंद्रीय कैबिनेट में मन माफिक हिस्सेदारी नहीं मिलने के बाद बिहार में भी मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी को जगह नहीं दिए जाने की खबरों और दोनों पार्टियों के बीच आई मनमुटाव की खबरों के बीच पहले जेडीयू की ईफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार से जीतमराम मांझी की मुलाकात, फिर जीतन राम मांझी की इफ्तार पार्टी में दोबारा दोनों नेताओं की मुलाकात और आरजेडी नेता रघुबंश सिंह और जीतन राम मांझी के द्वारा नीतीश कुमार को महागठबंधन के साथ आने का न्यौता दिए जाने को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया. इस बीच भाजपा नेता गिरिराज सिंह के नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उनको लेकर दिए गए विवादित बयान से राजनीतिक खलबली मची हुई है. लेकिन हर छोटी बड़ी बात पर ट्विट कर नीतीश कुमार पर हमला बोलने वाले तेजस्वी चुप्पी साधे रहे. इन बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच तेजस्वी यादव का राजनीतिक पटल से गायब रहना और चुप्पी साधे रखना कई तरह के सवाल पैदा करता है और नीतीश कुमार के फिर से महागठबंधन के साथ आने की अटकलों को बल देता नजर आ रहा है.

लोकसभा चुनाव के परिणाम के सात दिन बाद बिहार में महागठबंधन के नेता, तेजस्वी यादव मीडिया के सामने आए.उन्होंने आरजेडी को मिली करारी हार पर कहा  कि एक चुनाव से सूपड़ा साफ नहीं होता. जिस प्रकार का परिणाम आया उसकी कल्पना या अनुमान हम लोगों को नहीं था और यह टूट होगी, फूट होगी… अफ़वाह हैं. हम लोग एकजुट हैं. लेकिन  लोकसभा चुनाव में हार के बाद हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने तेजस्वी को महागठबंधन का नेता मानने से भी इन्कार कर दिया.उन्होंने कहा था कि तेजस्वी राजद के नेता हैं, महागठबंधन के नहीं. तेजस्वी यादव ने इस बयान पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल जीतनराम मांझी और रघुबंश प्रसाद सिंह जिस नए समीकरण को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उसे तेजस्वी का साथ मिलेगा या नहीं?

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