लालू ने सुलझा दिया है बेटों के बीच का विवाद , तेजस्वी संभालेगें चुनाव की कमान
सूत्रों के मुताबिक दोनों भाईयों के बीच जारी विवाद के बीच लालू ने तेजप्रताप को संगठन की गतिविधियों को चलाने और अलग-अलग विंग को मजबूत करने की जिम्मेवारी दी जबकि पार्टी की चुनावी रणनीति का जिम्मा छोटे बेटे को ही देखेने को कहा.
सिटी पोस्ट लाइव : अपने पिता लालू प्रसाद से रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) अस्पताल पहुंचे तेजस्वी यादव ने परिवार और महागठबंधन में किसी तरह की दरार की बात को सिरे से खारिज किया है. शनिवार को लालू प्रसाद ने अपने बेटे के साथ बंद कमरे में काफी देर तक बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक मुलाकात हुई जिसमें शीट शेयरिंग से लेकर परिवार तक के बारे में बात हुई.
लालू ने अपने बेटे को भले ही घर में जारी झगड़े को निपटाने के लिये बुलाया हो लेकिन पिता से मिलने के बाद ही तेजस्वी यादव ने इशारों ही इशारों में ही सुशासन बाबू पर हमला कर दिया और कई सवाल खड़े कर दिये. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीम लीडर लालू ने घर में जारी कलह की खबरों के बीच अपने छोटे बेटे और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव को मुलाकात के लिये बुलाया था. जानकारी के मुताबिक लालू ने अपने छोटे बेटे को कहा कि पार्टी उन्हीं यानी तेजस्वी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी और शीट शेयरिंग को लेकर भी महागठबंधन का स्टैंड साफ है.
सूत्रों के मुताबिक दोनों भाईयों के बीच जारी विवाद के बीच लालू ने तेजप्रताप को संगठन की गतिविधियों को चलाने और अलग-अलग विंग को मजबूत करने की जिम्मेवारी दी. पार्टी की चुनावी रणनीति का जिम्मा छोटे बेटे को ही देखने का निर्देश दिया है.लालू ने बेटे तेजस्वी के साथ-साथ बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को भी मिलने का संदेशा भिजवाया था. लेकिन उनकी बेटी उनसे मिलने नहीं पहुंची. दरअसल लालू की कोशिश है कि अगले साल लोकसभा चुनाव और उसके अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी मजबूत रहे. उन्हें मालूम है कि बेटों के बीच की खाई आरजेडी में बिखराव पैदा कर सकती है.
लालू ने बेटे से न सिर्फ पारिवारिक मसलों पर बात की, बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की. माना जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर भी लालू ने अपने उत्तराधिकारी को सलाह दी.अब तेजस्वी यादव दिसंबर में पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन करेगें. इस रैली को सफल बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों का सहयोग लेगें. गौरतलब है कि लालू यादव के महा रेला का रिकॉर्ड अबतक कोई नहीं तोड़ पाया है. अब लालू यादव ने अपने उतराधिकारी तेजस्वी यादव को अपनी रैली का रिकॉर्ड तोड़ने की जिम्मेवारी दी है. अगर तेजस्वी यादव अपने पिता की महा रेला के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ देते हैं तो आरजेडी को आगामी चुनाव में लालू यादव की कमी नहीं खलेगी.
तेजस्वी यादव दशहरा और दीपावली के बीच ही अपने संविधान बचाओ ,बीजेपी भगाओ पद यात्रा के दुसरे चरण की शुरुवात करेगें. इस यात्रा के दूसरे चरण की शुरुवात तेजस्वी यादव गोपालगंज से करेगें. पहले चरण में जहाँ भी वो नहीं जा सके हैं, इसबार जायेगें. बीजेपी को एक्सपोज करेगें. यानी दसहरा दिवाली के बीच ही अपने चुनावी अभियान को तेजस्वी यादव तेज कर देगें.
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