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तेजस्वी की मांग: शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार गरीबों को रिहा करे सरकार

बदल जाएगा बिहार में शराबबंदी कानून, बिहार विधान सभा सत्र के दौरान नए बिल पर लगेगी मुहर

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सिटी पोस्ट लाइव ( राजन ): आज से बिहार विधान सभा का  मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस मानसून सत्र में चार विधेयक  लाए जाएंगे जिसको चर्चा के बाद पास कर दिया जाएगा. सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है  मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक. सत्ता से लेकर विपक्ष तक इस कानून में बड़ा बदलाव चाहता रहा है. इस शराबबंदी कानून को लागू करते समय भी बीजेपी द्वारा भी कई कानूनों पर आपत्तियां जताई गई थीं. आज बीजेपी सरकार में भी है .बिहार कैबिनेट द्वारा शराबबंदी कानून संशोधन को आज से शुरू हो रहे विधान सभा सत्र के दौरान असली जामा पहनाया जाएगा .

इसके साथ ही पिछले दो साल से लागू शराबबंदी कानून बदल जाएगा. नए शराबबंदी कानून में कई कड़े कानूनी प्रावधानों को हटा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट और पटना कोर्ट द्वारा बार बार फटकार लगने के बाद राज्य सरकार र कुछ नियमों में रियायत देने जा रही है.नए कानून के तहत शराब बरामदगी वाले परिसर को जब्त नहीं किया जाएगा. मकान, वाहन जब्त करने वाले प्रावधान को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जाएगा. शराब सेवन करते पहली बार पकड़े जाने पर पांच वर्ष की सजा और एक लाख तथा दूसरे बार पकड़े जाने पर दस वर्ष की सजा और पांच लाख रुपया जुर्माना का प्रावधान किया गया है.एक तरफ शराबबंदी कानून के कुछ कड़े प्रावधानों को ख़त्म किया जाएगा वहीं दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए पुराने कानून को और सख्त बनाने की कोशिश होगी.

तेजस्वी ने शराबबंदी कानून में बदलाव को लेकर मिली बिहार कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का फैसला लिया है. तेजस्वी का आरोप है कि शराबबंदी पहले से ही विफल रही है और इसका खामियाजा सबसे ज़्यादा गरीबों को उठाना पड़ा है. अब नई शराबबंदी नीति से गरीबों को और भी ज़्यादा परेशानी होगी. तेजस्वी के मुताबिक शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद गरीब कैदियों की रिहाई के लिए विपक्ष सरकार पर कोई तरीका निकालने के लिए दबाव बनाएगा.

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