नीतीश कुमार का सुशासन और ईमानदारी है ढकोसला : तेजस्वी यादव
सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर में दो अरब 33 करोड़ की वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद बिहार की राजनीति फिर से गर्म हो गई है. पक्ष से लेकर विपक्ष सभी एक दुसरे पर छींटा कसी करने में जुट गए हैं. जहां प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को घोटाला बाबू कहा है, वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने विपक्ष पर नीतीश कुमार की छवि ख़राब करने का आरोप लगाया है. दरअसल इसबार ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में दो अरब 33 करोड़ की वित्तीय अनियमितता मुजफ्फरपुर से सामने आई है. साल 2011 से 2016 तक हुए दो निरीक्षण रिपोर्ट में सीएजी ने 102 करोड़ की वित्तीय अनियमितता को उजागर किया है.
वहीं दरभंगा में एक अरब 31 करोड़ से अधिक रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गई है. मुजफ्फरपुर और दरभंगा के जिला नजारत कार्यालय में दो अरब से भी ज्यादा का घोटाला सामने आ रहा है. सीएजी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2009 से लेकर 2017 तक की ऑडिट रिपोर्ट में करीब दो अरब 33 करोड़ 23 लाख की वित्तीय अनियमितता सामने आ चुकी है. आरटीआई कार्यकर्ता अमित कुमार मंडल द्वारा मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है. सीएजी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में साल 2011 से 2016 तक हुए दो निरीक्षण रिपोर्ट में सीएजी ने 102 करोड़ की वित्तीय अनियमितता पकड़ी है.
ब्रेकिंग:- बिहार में 233 करोड़ का एक और घोटाला। सभी जिलों का ऑडिट आने पर हो सकता है अबतक का सबसे बड़ा घोटाला। सृजन घोटाले जैसे 35 अन्य घोटालों की तरह “घोटाला बाबू” इसमें भी सम्मिलित है।https://t.co/xITQT5WL2I
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 22, 2018
इस पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में 233 करोड़ का एक और घोटाला, सभी जिलों का ऑडिट आने पर हो सकता है अबतक का सबसे बड़ा घोटाला. सृजन घोटाले जैसे 35 अन्य घोटालों की तरह “घोटाला बाबू” इसमें भी सम्मिलित है. बता दें तेजस्वी इससे पहले सृजन घोटाले मामले में भी नीतीश कुमार के मिली भगत का आरोप लगा चुके है. वहीं दिल्ली से पटना पहुन्चेते ही तेजस्वी ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दावा करते हैं सुशासन का लेकिन आज हर जगह कुशासन है. आज कोई सुरक्षित नहीं है. अपराधी बेलगाम हो गए हैं. मुख्यमंत्री दावा करते थे ईमानदारी का.लेकिन घोटाले पर घोटाले होते जा रहे हैं. पहले सृजन घोटाला हुआ. आजतक किसी बड़े अधिकारी, नेता और मंत्री के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई. आज तक पता नहीं चला कि सृजन घोटाला में क्या हो रहा है. और अब एक नया घोटाला सामने आ गया है. यह घोटाला CAG ने उजागर किया है. ये हमारा आरोप नहीं है. ये कैसी ईमानदारी है कि एक से एक हजारों करोड़ के घोटाले हो रहे हैं.
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