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‘विलेन’ साबित हुए तेजस्वी, खेल गए नीतीश कुमार.

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सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाने में जुटे हैं.अरविंद केजरीवाल , हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मिल चुके हैं. तेजस्वी यादव के अपनी अलग छवि बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जारी कोशिश से जेडीयू अलर्ट हो गई है. नीतीश कुमार के कान खड़े हो गए हैं. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का मामला सामने आने के बाद नीतीश कुमार ने ऐसी सियासी बिसात बिछाई की तेजस्वी उसमें उलझकर रह गये.

तमिलनाडु से जैसे ही मजदूरों की पिटाई का मसला सामने आया नीतीश संभलकर खेलने लगे. उन्हें मालूम है कि ये मुद्दा जनभावना से जुड़ा हुआ है. मामले को लेकर ट्वीट करने के बाद संभलकर बोलते रहे. जानकार मानते हैं कि इस बीच नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बीजेपी को जवाब देने के लिए फ्रंट फुट पर कर दिया. खुद पीछे हट गए. तेजस्वी राष्ट्रीय स्तर की छवि बनाने के चक्कर में तमिलनाडु के पक्ष में बोलने लगे. तेजस्वी यादव ने मजदूरों की पिटाई का मामला अफवाह बता दिया. उसके बाद वायरल हुए वीडियो को पुराना बताते हुए बीजेपी पर हमलावर हो गये. नीतीश कुमार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तमिलनाडु में अधिकारियों को रवाना कर दिया.

नीतीश कुमार ने बिहार को ये दिखा दिया कि बिहारियों की सबसे ज्यादा चिंता वहीं करते हैं. तेजस्वी अपने बयानों से विलेन बन गये. नीतीश कुमार बिहारियों की चिंता का क्रेडिट अपने नाम कर लिया. विधानसभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी ने हमले की अफवाह फैलायी है। बीजेपी माइंडेड मीडिया भी गलत खबर दे रही है. तेजस्वी एक कदम आगे बढ़कर विधानसभा में बोलने लगे कि बीजेपी दोनों राज्यों की सरकारों के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर कथित हमलों को लेकर केंद्र से संपर्क करें. तेजस्वी हाल में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के जन्मदिन में शामिल होने चेन्नई भी गये थे. तेजस्वी को लगा ही नहीं कि ये मामला इतना आगे बढ़ जाएगा. वे तमिलनाडु के पक्ष में उतर गये. बीजेपी से कहा कि आप भारत माता की जय का नारा लगाते रहते हैं, क्या तमिलनाडु भारत माता का हिस्सा नहीं है.

तेजस्वी यादव अति उत्साह में आकर बड़ी राजनीतिक भूल कर दी.पूरे बिहार को ये संदेश चला गया कि तेजस्वी यादव बिहार के मजदूरों की चिंता नहीं करते हैं.इस बीच नीतीश कुमार वहां के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के संपर्क में रहे. यहां तक कि शनिवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं. मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार से फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि श्रमिकों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जायेगा. स्टालिन ने कुमार को बताया कि सभी श्रमिक हमारे श्रमिक हैं जो तमिलनाडु के विकास में मदद करते हैं और मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि श्रमिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया जायेगा.

तेजस्वी यादव को जब ये पता भी था कि मामले में कुछ अफवाह की बात है, तो उन्हें हमेशा बिहारी मजदूरों के पक्ष में बोलना चाहिए था. तेजस्वी यादव आगे-आगे चलते हुए और बीजेपी पर हमला करने के चक्कर में पूरे मामले को अफवाह करार दे दिया. ये बात बिहार के लोगों को नागवार गुजरी है.नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा काम ये किया कि उन्होंने इस मामले की गंभीरता को समझा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ते हुए तत्काल अधिकारियों को चेन्नई रवाना कर दिया. अब तेजस्वी को अपनी भूल का अहशास हो रहा है. सियासी जानकार बता रहे हैं कि तेजस्वी यादव अभी बिहार के मजदूरों की नजर में विलेन साबित हो गये हैं. नीतीश कुमार ने इस मामले में एक बार फिर बाजी मार ली है. जानकार कहते हैं कि नीतीश कुमार को बिना विश्वास में लिए हुए उनके साथ रहकर तेजस्वी किसी फ्रंट पर खुद को आगे नहीं कर पाएंगे.

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