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संविधान बचाओ न्याय यात्रा का पोस्टर जारी, राम बने तेजस्वी, दशानंद रावण नीतीश कुमार

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संविधान बचाओ न्याय यात्रा का पोस्टर जारी, राम बने तेजस्वी, दशानंद रावण नीतीश कुमार

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजनीति एक दिलचस्प दौर से गुजर रही है. बिहार में विपक्ष आजकल पोस्टर वार के जरिये सत्ता पक्ष पर हमला करने में जुटा है. कांग्रेस पोस्टर के जरिये बीजेपी और प्रधानमंत्री पर लगातार निशाना साध रही है और राफेल को लेकर सवाल पूछ रही हैं. वहीँ आरजेडी जेडीयू के खिलाफ पोस्टर वार में जुटा हुआ है. इसबार तेजस्वी यादव के संविधान बचाओ यात्रा की शुरुवात करनेवाले हैं 21 अक्टूबर से यह यात्रा शुरू होगी जो 2 नवम्बर तक चलेगी. इस यात्रा से पहले इस यात्रा को लेकर एक ख़ास पोस्टर सामने आया है. यह पोस्टर आरजेडी के दफ्तर के बाहर लगा है. इस पोस्टर में राम और रावन नजर आ रहे हैं. दुर्गा पूजा का अवसर है, ऐसे में कोई पार्टी राम -रावन का पोस्टर लगाए तो कौन सी बड़ी बात है? लेकिन जब रावण की जगह नीतीश कुमार और राम की जगह तेजस्वी यादव पोस्टर में हों तो, बात बड़ी हो जाती है.

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आरजेडी के दफ्तर के बाहर लगे तेजस्वी यादव के इस ‘संविधान बचाओ यात्रा’ का जो पोस्टर लगा है, उसमे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दस सर के साथ दशानंद रावन के रूप में दिखाया गया है. तेजस्वी राम की तरफ धनुष से रावन यानी नीतीश कुमार पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. वैसे आरजेडी की तरफ से इस तरह का पोस्टर पहलीबार नहीं लगाया गया है. पहले ही तेजस्वी यादव के घर के बाहर एक पस्टर लगा था जिसमे महाभारत त के द्रौपदी स्वयंबर का चित्रण किया गया था. इसमे तेजस्वी को तीर धनुष से मछली पर निशाना लगाते हुए दिखाया गया था. मछली की जगह नीतीश कुमार-अमित शाह-और सुशिल मोदी की तस्वीर थी.यहाँ मछली की जगह नीतीश कुमार-मोदी-अमित शाह को दिखाए जाने का अर्थ तो समझ में आता है कि उन्हें सत्ता से देखल कर खुद तेजस्वी सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं. लेकिन इसबार जिस तरह से नीतीश कुमार को दशानद रावन के रूप दिखाया गया है, उसका राजनीतिक अर्थ कम घृणा का भाव ज्यादा प्रदर्शित हो रहा है.

ये पोस्टर आरजेडी  के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता आनंद यादव द्वारा लगाया गया है. इस पोस्टर पर एक स्लोगन भी दिया गया हा-‘ जब जब रावण ने अत्याचार किया है, तब तब एक राम ने जन्म लिया है’. कहने का तात्पर्य है  है कि नीतीश कुमार रावण हैं, जिसके विनाश के लिए अब तेजस्वी राम के रूप में अवतरित हुए हैं.जाहिर इस पोस्टर को लेकर भी आरोप प्रत्यारोप की राजनीति का दौर शुरू होगा. इस पोस्टर पर जेडीयू  और बीजेपी के नेता तो चुप बैठेगें नहीं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि इस तरह के पोस्टर के जरिये राजनीतिक दल क्या सन्देश जनता को देना चाहते हैं. वो क्या हासिल करना चाहते हैं?

 

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