सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय जनता दल के सबसे ताकतवर एकमात्र नेता के रूप में तेजस्वी यादव को स्थापित करने की पार्टी की कोशिश नाकाम हो गई. पार्टी के स्थापना दिवस पर लगाये गये हर पोस्टर बैनर पर लालू यादव-राबडी देवी के अलावा केवल तेजस्वी यादव की तस्वीर ये संदेश देने के लिए लगाया गया था कि तेजस्वी यादव ही पार्टी के एकमात्र चेहरा हैं. किसी पोस्टर बैनर पर तेजप्रताप यादव या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य की तस्वीर नहीं लगाई गई. लेकिन फिर भी स्थापना दिवस समारोह में तेजप्रताप यादव ही छा गये. तेजप्रताप यादव का संबोधन चर्चा का विषय बना हुआ है. तेजप्रताप ने आज अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को एकसाथ कई संदेश देने की कोशिश की.
तेजप्रताप यादव अपनी तुलना अपने पिता लालू प्रसाद यादव से करते हुए अपने आपको उनके जैसा ही छवि का नेता बताने से नहीं चुके. तेजप्रताप ने अपने भाषण के जरिये लोगों को बताना चाहा कि लालू की पूरी छवि उनमें ही है. वहीँ लालू यादव की जगह ले सकते हैं. उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को फिर लपेटे में ले लिया. तेजप्रताप यादव ने भाषण की शुरुआत करते ही लोगों से कहा कि मैं भी लालू जी की तरह ही लोगों का मनोरंजन भी करता हूं. लालू प्रसाद यादव ने अपने राजनीति जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की. तो मैंने भी उसी बीएन कॉलेज में एडमिशन लिया, जहां पिताजी पढ़ते थे. मैं उसी बेंच पर बैठता था, जहां पिता बैठा करते थे. तेजप्रताप ने कहा कि मैं आरजेडी में रहकर छात्र संगठन को मजबूत कर रहा हूं. लालू जी के बोलने पर लोग जैसे हंसते थे, मेरे बोलने पर भी कुछ लोग हंसते हैं.
तेजप्रताप यादव अपने संबोधन के जरिये यह बताने का प्रयास कर रहे थे कि लालू की असली छवि मेरे में ही है. साथ ही तेजस्वी पर चुटकी लेते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा कि मुझे पूजा करने में थोड़ी देर हुई, जिसके कारण आरजेडी कार्यालय देर से पहुंचा तो देखा तेजस्वी ने पहले ही मंच सभाल रखा है. हालांकि साथ में तेजप्रताप ने यह भी कहा कि तेजस्वी अर्जुन है और अर्जुन को कुछ न हो इसके लिए कृष्ण हमेशा साथ रहे. मैं भी तेजस्वी के साथ कृष्ण की तरह हमेशा खड़ा हूं.तेजप्रताप यादव आज पार्टी के स्थापना दिवस के दिन कई बातों के जरिये पार्टी के अधिकारियों को भी खूब हड़काया. तेजप्रताप यादव ने पटना में आरजेडी के मार्च पर हुए लाठी चार्ज का किस्सा सुनाते हुए कहा कि मार्च पर जिस तरह से लाठी चार्ज किया गया, वह महाभारत युद्ध की तरह था. हमलोगों पर पत्थर फेंके जा रहे थे. मैं तेजस्वी को बचाने के लिए आगे जाना चाहता था, पर लोगों ने पीछे से खींच लिया. तेजप्रताप में कहा कि कुछ लोग खींचने का काम करते हैं, ताकि कहीं मैं हीरो न बन जाऊं. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि बोलूंगा तो जगदानंद सिंह कहीं बुरा न मान जाएं.
तेजप्रताप यादव ने पार्टी में महिलाओं की आवाज उठाते हुए सवाल खड़ा किया कि आज पार्टी में महिलाएं नीचे क्यों बैठी हैं. महिलाओं को पार्टी में मंच पर जगह मिलनी चाहिए. कुछ लोग पार्टी को डुबाना चाहते हैं और इसमें लगे हुए हैं. तेजस्वी यादव दिल्ली से लेकर देशभर में घूमते रहते हैं. जब वे पटना में नहीं होते हैं, तो पटना में मोर्चा मैं ही संभालता हूं.तेजप्रताप के आज के संबोधन को लेकर खूब चर्चा हो रही हैं और कई मतलब निकाले जा रहे हैं. दरअसल, तेजप्रताप यादव ने एकबार फिर से ये संदेश देने की कोशिश की है कि वहीँ लालू यादव के असली राजनीतिक उतराधिकारी बनने की योग्यता रखते हैं.
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