ट्रेजरी लॉक खुला तो आवंटन का संकट, पिछले 8 महीने से बिना वेतन के शिक्षक
सिटी पोस्ट लाइव : प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य जिन शिक्षकों के हवाले है उनका हाल ही बेहाल है.राज्य के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों का वेतन का मामला एक बार फिर अटक गया है. अबतक तो ट्रेजरी लॉक के कारण वेतन की समस्या बनी हुई थी. जब ट्रेजरी लॉक खुला तो अब वेतन आवंटन की समस्या पैदा हो गई है. नवंबर माह से ही शिक्षक वेतन की राह देख रहे हैं. राज्य के जिला परिषद एवं नगर परिषद के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक अब आस लगाये बैठे थे कि उन्हें तीन महीने से वकाये वेतन उनके खाते में आ जायेगा. लेकिन अधिकांश जिलों में एक माह की वेतन की राशि जिलों को उपलब्ध है जबकि अभी इस वित्तीय वर्ष में फरवरी माह तक का वेतन इन्हें मिलना है.
नियमित शिक्षकों के लिए जिलों से जो राशि विभाग से मांगी गई थी उससे आधी या उससे कम राशि इन शिक्षकों के वेतन के मद में उपलब्ध कराई गई. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विभाग द्वारा गणित व जीवविज्ञान शिक्षकों को विद्यालयों में पदस्थापित किया गया. साथ ही साथ शिक्षकों को प्रवर वेतनमान का लाभ तथा तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को भी एसीपी का लाभ विभाग द्वारा दिया गया. इन सबों को विभाग द्वारा आवंटित वेतन मद की राशि से ही इन सब लाभों की राशि दी गई. अब इनके लिए भी वेतन की समस्या आन पड़ी है.
सबसे मुश्किल में उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक हैं जिन्हें पिछले आठ माह तक वेतन नहीं मिला है. केंद्र से इनके वेतन की राशि प्राप्त नहीं हुई. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के कड़े विरोध के बाद राज्य सरकार ने अपनी रक्षित राशि से इन्हें सितंबर माह में मई, जून के वेतन की राशि जारी की थी.लेकिन उसके बाद से इन्हें वेतन नहीं मिला है. अतिथियों शिक्षकों को योगदान दिये हुए छह से आठ माह हो गए हैं मगर उन्हें मानदेय के रूप में एक भी फुटी कौड़ी प्राप्त नहीं हुई है.ये भूखे बेहाल शिक्षक कैसे हमारे नौनिहालों का भविष्य सुधारेगें?
Comments are closed.