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अंधविश्वास हुआ कोरोना वायरस पर भारी, हजारों महिलाओं ने कमला नदी में लगाई डुबकी

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सिटी पोस्ट लाइव : वैश्विक महामारी कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस से यूं तो इनदिनों पूरा विश्व ही परेशान है, और अभी तक इसका वैक्सीन या दवा नहीं होने के कारण लाखों लोग मर चुके हैं। भारत समेत विश्व के कई देशों में कोरोना महामारी के रोकथाम हेतु लॉक डाउन भी कई चरणों मे किया गया। भारत यूं तो आस्था और भक्ति का अलग ही महिमा है। कई तरह के चीजों को रोकने और लड़ने कि शक्ति के लिए भी कई तरह के पूजा और विधि-विधान अनंतकाल से किये जाते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से एक अजीब सा प्रथा वायरल होता जा रहा है।

मसलन कोरोना वायरस को कोरोना माई बना कर पूजा करना, इसको भगवान मान कर पूजा-अर्चना, हवन इत्यादि करना। आज इस बाबत मधुबनी जिले के जयनगर में अजीब सा प्रथा का पालन करते हुए हजारों की संख्या में महिलाओं ने कमला नदी में स्नान कर पूजा-अर्चना किया, साथ ही प्रसाद भी चढ़ाया। इस पूरे प्रकरण के दौरान हफतों लोग सरकार के सोशल डिस्टेंसिनग नियम को मुंह चिढा कर इसकी धज्जियां उड़ाते रहे, पर स्थानीय प्रशासन को इसकी शायद भनक तक नही हुई, आखिर कैसे? जब हमारे संवाददाता ने उनसे बातचीत कर उनके इस कार्य का प्रयोजन जाना तो वो भी चक्कर मे पड़ गए, की जिस कोरोना को दुनिया वायरस मान रही है, यहां लोग भक्ति ओर श्रद्धा के नाम पर अंधविश्वास को बढ़ावा देकर कोरोना को भगवान बना कर उनको खुश करने के उपाय कर रहे हैं।

जानकारी देती हुई मौके पर एक महिला ने बताया कि जहां हमलोग रहते थे (बाहर के राज्यों में) वहां के आसपास के लोगों ने कहा कि कोरोना माई गुस्सा होकर अपना प्रकोप दिखा रही है, अतः तुमसब इनको पूजा कर वैरागन के दिन नदी में स्नान कर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रसाद चढ़ना। इससे उनका गुस्सा शांत हो जाएगा, और कोरोना माई उस बीमारी को खत्म कर देगी।
वहीं कई महिलाओं ने कहा कि कोरोना माई के बारे में हमें यहां के कुछ लोगों ने पता चला है कि कोरोना माई गुस्सा कर गर्मी में प्रकोप वायरस के माध्यम से दिखा रही हैं।

हालांकि आज हजारों महिलाओं ने ये कार्य (नदी में स्नान और पूजा-अर्चना) किया, लेकिन क्या आस्था के नाम पर ये अंधविश्वास को बढ़ावा देने का कार्य करने इन लोगों को क्यों उकसाया जा रहा है? आखिर कौन है वो लोग जो इनको भगवान के नाम पर डरा कर इनसे अंधविश्वास को बढ़ावा दिलवा रहे हैं? कौन हैं वो लोग जो इन अनपढ़,गरीब लोगों को इस कोरोना काल मे भीड़ इकठ्ठा करवा रहे हैं? आखिर जयनगर प्रशासन क्यों सोशल डिस्टेंसिनग की धज्जियां उड़ाते इन लोगों को इग्नोर कर रहा है? आखिर जयनगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के आवास से महज कुछ मीटर की दूरी पर हजारों लोग एकसाथ इकट्ठा हो गए, ओर पुलिस प्रशासन को भनक तक नही पड़ी?

मधुबनी से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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