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ई-सिगरेट के व्यसन से बचें छात्र, सेहत के लिए काफी हानिकारक : राष्ट्रपति

रांची विवि के 56 गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों में 47 बेटियां

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ई-सिगरेट के व्यसन से बचें छात्र, सेहत के लिए काफी हानिकारक : राष्ट्रपति

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि युवा वर्ग आधुनिक व्यसन ई-सिगरेट का शिकार हो रहा है। इसे बनाना और बेचना अपराध है। उन्होंने युवाओं से ई-सिगरेट से बचने का आह्वान करते हुए कहा कि यह सेहत के लिए काफी हानिकारक है। अभी तक 16 राज्य तथा एक केंद्र शासित प्रदेश ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। ई-सिगरेट से दूरी बनाने की बात करते हुए राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि आप (छात्रगण) इसके प्रभाव में नहीं आएंगे और स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया तो झारखंड ने सबसे पहले इसे लागू किया, इसके लिए राज्य सरकार को बधाई। सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 11 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया। राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड में बेस्ट टैलेंट मौजूद हैं। दीक्षांत समारोह में 56 गोल्ड मेडल पाने वाले 9 बेटे हैं तथा 47 बेटियां हैं। रेशियो एकतरफा है। बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या पांच गुना  से भी ज्यादा है, इन्हें बधाई। बेटियों के प्रदर्शन से भारत और झारखंड का भविष्य झलकता है। इस विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थियों ने पहले भी अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां के छात्र सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने हैं और मंच पर बैठे हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास भी यहीं के विद्यार्थी रहे हैं। कोविंद ने कहा कि झारखंड की धरती टैलेंटेड लोगों से भरी पड़ी है और यह दिखता भी है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, तीरंदाज दीपिका कुमारी जैसे कई नाम इसके उदाहरण हैं और देश को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि यहां आते ही भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू की बरबस याद आ जाती है। इस क्षेत्र के अनेक विभूतियों ने यहां का सम्मान बढ़ाया है। 1971 के युद्ध के हीरो थे अलबर्ट एक्का। जयपाल सिंह मुंडा हॉकी के कप्तान थे और संविधान सभा के सदस्य भी। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि आज का युग अपार अवसर और चुनौतियों से भरा है। जो युवा सजग है उन्हें कई अवसर प्राप्त होते हैं। आप सभी को इन अवसरों का उपयोग करते हुए जॉब क्रिएटर बनना है। रांची विश्वविद्यालय हो, खड़िया, कुड़ूख, मुंडारी सहित में पांच जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू की गई है। आदिवासी बच्चों के विकास के लिए 450 मॉडल एकलव्य स्कूल की शुरुआत झारखंड से ही हुई। विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा आयुष्मान भारत, किसान पेंशन, मानधन योजना की भी शुरुआत यहीं से हुई। झारखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी तेजी से हो रहा है। साहेबगंज में मल्टी मॉडल टर्मिनल के बनने से विकास की नई राह खुली है।

समाज सेवा के लिए चरित्र बल सबसे जरूरी
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज सेवा के लिए सबसे जरूरी चरित्र बल है। दो अक्टूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं। सन् 1925 में हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज में विद्यार्थियों को उन्होंने संबोधित किया था। वह भाषण आज भी प्रासंगिक है।

प्रकृति से तालमेल हमें झारखंड के आदिवासी समाज से सीखना होगा
राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी और पूजक है। प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करना हमें झारखंड के आदिवासी समाज से सिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा हम सभी के प्रेरणास्रोत हैं। इस दौरान उन्होंने टाना भगतों के योगदान की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि टाना भगतों ने इस क्षेत्र में गांधी जी के नेतृत्व में आंदोलन किया था। आजादी की लड़ाई लड़ी।

बिशुनपुर नहीं जा पाने का अफसोस : राष्ट्रपति
विकास भारती बिशुनपुर नहीं जा पाने पर अफसोस व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वहां जाना था। ट्राइबल मित्रों से मिलना था लेकिन खराब मौसम के कारण नहीं जा सके। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से कहा कि बिशुनपुर जाने का मेरा कार्यक्रम पेंडिंग है और वहां जरूर जाउंगी। इस दौरान उन्होंने विकास भारती और रामकृष्ण मिशन के कार्यों की सराहना की।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जरूर जाएं गांव, लोगों को करें जागरूक
राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों से सीएसआर की तर्ज पर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी निभाने की अपील करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को गांव की ओर जरूर जाना चाहिए और वहां के लोगों को साफ-सफाई, स्वास्थ्य, बच्चों के टीकाकरण, न्यूट्रिशन आदि को लेकर जागरूक करना चाहिए। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी भी देनी चाहिए ताकि वे इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। रांची विश्वविद्यालय को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं राष्ट्रपति ने युवाओं से समाज की सेवा करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि आप तकनीकि युग के हैं, ऐसे में आप फिजिकल और डिजिटल संसाधनों का लाभ उठाएं और ऊंचाइयों तक पहुंचें। उन्होंने विद्यार्थियों से उम्मीद जताई कि शिक्षा का सदुपयोग देश के विकास और प्रगति के लिए करेंगे।

राष्ट्रपति ने रांची की जनता से खेद प्रकट किया

राष्ट्रपति के रांची आने के दौरान रूट डायवर्ट किया गया था। कुछ लोगों की फ्लाइट और ट्रेनें छूट गई थी। इन परेशानियों को लेकर रामनाथ कोविंद ने रांची की जनता से खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बिना आवश्यक कार्य मैं मूवमेंट नहीं करता लेकिन ट्रैफिक की असुविधा होती है, ये मजबूरी है।

राष्ट्रपति ने 11 विद्यार्थियों को दिया गोल्ड मेडल

मोरहाबादी कैंपस स्थित दीक्षांत मंडप में 56 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिए गए। 56 टॉपरों में 45 लड़कियां और नौ लड़के हैं। इनमें से 11 विद्यार्थियों को राष्ट्रपति ने गोल्ड मेडल प्रदान किया। इनमें ओवर ऑल बेस्ट मास्टर डिग्री होल्डर अनिशा कुमारी, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट एंड ओवर ऑल ग्रेजुएट इन साइंस जयंत महतो, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन वोकेशनल कोर्स विशाल कुमार, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन आर्ट्स (सोशल साइंस) प्रिया कुमारी सिंह, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन आर्ट्स (मानविकी) उमी सराह, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन कॉमर्स सुरभि खन्ना, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन लॉ निशा कुमारी वर्मा, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन एडुकेशन रंजीता कुमारी, ओवर ऑल बेस्ट ग्रेजुएट इन इंजीनियरिंग अनुपमा शुक्ला, टॉपर इन मास्टर ऑफ लॉ मनी लेख दयाल और टॉपर इन एमडी/एमएस नेहा शामिल हैं। इसके अलावा समारोह में यूजी-पीजी के 31,361 डिग्रियां दी गईं। समरोह में 3,883 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। समारोह में भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, शिक्षामंत्री डॉ नीरा यादव, कुलपति डॉ रमेश पांडेय, प्रतिकुलपति डॉ कामिनी कुमार मौजूद रहे। सामारोह के समापन के बाद राष्ट्रपति कोविंद बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से कोलकाता के लिए रवाना हो गए।

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